बाबू जी

बाबू जी वापस आ जाओ,

एक बार गले से लगा जाओ।


तेरे जाने से बाबुल मेरे,

तेरी बगिया देखो उजड़ गई।

माई रो रो बेहाल हुई,

जरा धीरज उसको बँधा जाओ।

बाबू जी........


हम तेरी राह निहारते हैं,

आहट सुन द्वार पे भागते हैं।

सुनो विनती हमारी बाबू जी,

एक बार तो सामने आ जाओ।

बाबू जी.........


कोई खेल खिलौने लाए ना,

अब हमको कोई बहलाए ना।

राजा रानी के गीत कहानी

फिर से आज सुना जाओ।

बाबू जी.........


तेरे बिन सूना पीहर है,

तेरे बिन सूना जीवन है।

अपनी बाहों के झूले में,

बाबू जी लोरी सुना जाओ।

बाबू जी .............


ये दुनिया रास ना आती है,

हमें याद तुम्हारी आती है।

अपनी मीठी-मीठी बातों से,

फिर से एक बार हँसा जाओ।

बाबू जी.........


अब दुखड़े अपने सुनाऊँ किसे?

अब हाल अपने बताऊँ किसे?

अपनी सपना बिटिया को,

जीने की राह बता जाओ।

बाबू जी.........


रचनाकार
सपना,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय उजीतीपुर,
विकास खण्ड-भाग्यनगर,
जनपद-औरैया।

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