लोहड़ी मनाएँ

हम सब मुस्काएँ, आज लोहड़ी मनाएँ,

और नाचें हम सारी रात।

गले सबको लगाएँ, रूठे यारों को मनाएँ,

ले आएँ खुशियों की बारात।


आओ लकड़ी ले आएँ, आग मिलकर जलाएँ,

ढोल बजाएँ हम सारी रात।

गोरी सज धज आएँ, महफ़िल को सजाएँ,

गाएँ गीत हम मिलकर साथ।


तिल और गुड़ लाएँ, मूँगफली भी ले आएँ,

चढ़ाएँ रब को मिलकर प्रसाद।

पूड़ी पकवान बनाएँ, मेवा मिष्ठान ले आएँ,

लें फिर मिलकर उसका स्वाद। 


फले फूले भाईचारा, बहे प्रेम रस की धारा,

बने स्वर्ग हमारा संसार।

झोलियाँ भी भर जाएँ, मुरादें पूरी हो जाएँ,

मिलें सबको खुशियाँ अपार।


रचनाकार
सपना,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय उजीतीपुर,
विकास खण्ड-भाग्यनगर,
जनपद-औरैया।

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