स्वामी विवेकानंद

12 जनवरी 1863 को जन्मे विवेकानंद, 

स्वामी रामकृष्ण परमहंस से शिक्षा पाये।

 ग्रहण कर वेदान्त और आध्यात्मिक ज्ञान,

भारत के आध्यात्मिक गुरु कहलाये।


उठो जागो और तब तक मत रुको,

 जब तक लक्ष्य की प्राप्ति ना हो जाये।

ऐसे विचारों से युवाओं को जागृत करके, 

दुनिया को वेदान्त जीवन के दर्शन कराये।।


विश्व में भारत की संस्कृति की पहचान, 

1893 के  शिकागो सम्मेलन में करायी।

करके संबोधन अमेरिकी भाइयों और बहनों,

सनातन हिन्दू धर्म को सार्वभौमिक पहचान दिलायी।।


लार्ड मैकाले की शिक्षा पद्धति के विरोधी,

कहा- बच्चों को चरित्र निर्माण की शिक्षा दी जाये।

बच्चे की अंतर्निहित शक्तियों का हो विकास, 

देश भक्ति, देशप्रेम को पाठयक्रम से जोड़ा जाये।।


कहा युवाओं के प्रेरणा स्रोत विवेकानंद ने, 

चिंतन करके नए विचारो को जन्म देते जाएँ।

खुद को ना कमजोर समझें हम,

अपने ज्ञान के प्रकाश से भाग्य के निर्माता बन जाएँ।।


रचयिता

अमित गोयल,

सहायक अध्यापक,

प्राथमिक विद्यालय निवाड़ा,

विकास क्षेत्र व जनपद-बागपत।



Comments

Total Pageviews