उत्तरायणी तेरा अभिनन्दन

उत्तरायणी तेरा अभिनन्दन, 

आदिशक्ति तुम को वन्दन। 

चहुँओर हरियाली-खुशहाली हो, 

भर दे जग में मधुर सुगन्ध।। 


निर्धनता से पीड़ित हो कर, 

करता न हो कोई क्रन्दन। 

'उत्तरायणी तेरा अभिनन्दन, 

लक्ष्मी-नारायण तुम को वन्दन।।


जीव-जगत मनुज सब सुखी रहें,

रोग, दोष, कष्ट सब दूर रहें। 

सुख साधनों का अभाव न हो, 

सुख-समृद्धि का यहाँ वास हो।। 


ईर्ष्या, द्वेष, अहम्, क्रोध न हो, 

हर घर में भरा हो अन्न और धन।

 उत्तरायणी तेरा अभिनन्दन, 

शिव-शक्ति तुम को वन्दन।। 


कदम से कदम मिलाकर चलें हम,

प्रगति के पथ पर अग्रसर रहें हम।

उत्तरायणी तेरा अभिनन्दन,

ब्रह्मा-ब्रह्माणी तुमको वन्दन।।


रचयिता
माधव सिंह नेगी,
प्रधानाध्यापक,
राजकीय प्राथमिक विद्यालय जैली,
विकास खण्ड-जखौली,
जनपद-रुद्रप्रयाग,
उत्तराखण्ड।

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