अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस

बनाकर "टाइगर रिजर्व" उनका संरक्षण किया गया,

1973 में बाघ भारत का राष्ट्रीय पशु घोषित हुआ।

बाघों के संरक्षण के प्रति बढ़ाने के लिए जागरूकता,

प्रतिवर्ष बाघ दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया।


हैं सबसे ज्यादा बाघ हमारे भारत में,

ना हो विलुप्त प्रजाति, पूरा प्रयास किया गया।

जब होंगे ज्यादा जंगल और प्राकृतिक आवास,

तब ही बाघ बना पाएगा इनमें अपना वास।


जिस बाघ की गरज सुनकर काँप जाते हैं इंसान,

खुद को बचाने के लिए आज संघर्ष कर रहा है।

प्रयासों से बढ़ रही है अच्छी खासी बाघों की संख्या,

जो ना होता शिकार उनका, ना घटती उनकी संख्या।


रचयिता

शालिनी,

सहायक अध्यापक,

प्राथमिक विद्यालय बनी, 

विकास खण्ड-अलीगंज,

जनपद-एटा।



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