विश्व गौरैया दिवस

आज लिखूँ मैं कैसे कविता?

आज दिवस है विश्व गौरैया!

आसमान के तारों को, 

चाँदनी रात सितारों को;

सबको देखा मैंने,

हिय में सोचा मैंने;


पर कैसे लिखूँ गौरैया को,

चित्र कहाँ ढूँढूँ!

कैसी बोली भाषा उसकी,

धुन कैसे मैं बुनूँ!


बचपन में देखा था उसको,

आँगन के छज्जे पे;

अब तो रहे न बाग़ बगीचे,

चाहे जहाँ फिरूँ;


सब दिखते हैं संगी उसके,

कबूतर, मैना, मोर सजीले;

किससे कहूँ झट से बुलवा लूँ,

बता कहाँ से तेरा नाम पता लूँ;


हे प्यारी नन्ही गौरैया!

चुगने दाना घर मेरे आ!

बनाया सजाया तेरे लिए घरौंदा,

इक तू न आई, तेरा नाम रह गया।


सृष्टिकर्ता की तू अद्भुत रचना!

प्रार्थना है! ख़ुदा करे और तेरी सृजना!


रचयिता
मीरा कन्नौजिया,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय हरखपुर,
विकास खण्ड-सिकरारा, 
जनपद-जौनपुर।

Comments

Total Pageviews

1164409