विषय- संस्कृत, टापिक- वर्ण, शब्द और भाषा, शीट क्रमांक -06/2025, दैनिक संस्कृत शिक्षण


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क्रमांक:- 06/2025

#दैनिक_संस्कृत_शिक्षण (अभ्यास कार्य)

दिनाँक- 18/03/2025 

दिन- मंगलवार 

प्रकरण- #वर्ण_शब्द_और_भाषा

(वर्णों का उच्चारण स्थान)

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(अ)- वर्णों का उच्चारण स्थान-


वर्णों का उच्चारण करते समय मुख के अन्दर का कोई न कोई स्थान विशेष भूमिका निभाता है। वर्ण के उच्चारण में जिस स्थान की भूमिका होती है, वही उसका 'उच्चारण स्थान' कहलाता है। 


(ब)- प्रयत्न-

वर्णों का उच्चारण करते समय मुख के विभिन्न भाग कुछ चेष्टाएँ करते हैं। भागों के उच्चारण स्थान करने की चेष्टा को ही 'प्रयत्न' कहते हैं। प्रयत्न दो प्रकार के होते हैं-


1- आभ्यन्तर प्रयत्न-

उच्चारण करते समय जो चेष्टाएँ मुख के अन्दर के भागों (स्थानों) में होती हैं, उन्हें 'आभ्यन्तर प्रयत्न' कहते हैं।


2- बाह्य प्रयत्न-

बाह्य चेष्टाओं को 'बाह्य प्रयत्न' कहते हैं।


(स)- प्रत्याहार बनाना-

जिस प्रत्याहार का निर्माण करना हो उसका प्रथम वर्ण और उसके सूत्रों का अन्तिम हलन्त वर्ण मिलाकर प्रत्याहार का निर्माण होता है। प्रथम वर्ण उसके अन्तिम वर्ण से पूर्व के सभी वर्ण उस प्रत्याहार के अन्तर्गत आते हैं। हलन्त वर्णों को उसमें नहीं गिना जाता है, उन्हें छोड़ दिया जाता है। 14 माहेश्वर सूत्रों से प्रत्याहार संख्या में कुल 41 होते हैं। कुछ नियमों के आधार पर दो और शामिल होकर इनकी संख्या 43 हो जाती है। कहीं-कहीं 42 प्रत्याहारों का उल्लेख मिलता है। इन पर हम फिर कभी चर्चा करेंगे।


उच्चारण स्थान और उनके वर्ण-

आइए, अब हम जानेंगे कि किन-किन उच्चारण स्थानों से किन-किन वर्णों का उच्चारण करते हैं-

1- कण्ठ - कण्ठ वर्ण -अ, आ, क, ख, ग, घ, ङ, ह और विसर्ग।

2- तालु- तालव्य वर्ण - च, छ, ज, झ, ञ,य, और श ।

3- मूर्द्धा- मूर्द्धन्य वर्ण- ऋ, ट, ठ,ड, ढ, ण, र, और ष ।

4- दन्त- दन्त्य वर्ण- लृ,  त, थ, द, ध, न, ल और स ।

5- ओष्ठ- ओष्ठ्य वर्ण- उ, ऊ, प, फ, ब,भ, म ।

6- नासिका और मुख- अनुनासिक वर्ण- ङ, ञ, ण, न, म, पंचमाक्षर, अनुस्वार और चन्द्रबिन्दु।

7- दन्त और ओष्ठ- दंतोष्ठय वर्ण- व ।

8- कण्ठ और तालु- कंठतालव्य वर्ण- ए, ऐ ।

9- कण्ठ और ओष्ठ- कंठोष्ठय वर्ण- ओ, औ ।


आगे हम शब्द और वर्णों से सम्बन्धित कुछ बातों के बारे में और जानेंगे, इसके बाद हम सन्धि, शब्द रुपों, धातुओं, समास, कारक एवं विभक्ति, प्रत्यय एवं वाच्य परिवर्तन पर चर्चा करेंगे जो कि वाक्य निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।


तकनीकी सहयोगी एवं प्रमुख सहयोगी- #अरुण_कुमार #अम्बेडकर_नगर

एवं

#जुगल_किशोर_त्रिपाठी #झाॅंसी 


संकलन:- #टीम_मिशन_शिक्षण_संवाद

#दैनिक_संस्कृत_शिक्षण


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