विषय- संस्कृत, टापिक- सन्धि (गुण सन्धि), शीट क्रमांक -09/2025, दैनिक संस्कृत शिक्षण


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क्रमांक:- 09/2025

#दैनिक_संस्कृत_शिक्षण (अभ्यास कार्य)

दिनाँक- 21/03/2025 

दिन- शुक्रवार 

प्रकरण- #सन्धि (गुण सन्धि)

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बच्चों! कल हमने आपको अच् (स्वर सन्धि के अन्तर्गत आने वाले दीर्घ सन्धि के 'अक: सवर्णे' दीर्घ: के बारे में बताया था। आज हम आपको इसी गुण सन्धि 'आद्गुण:' के बारे में बतायेंगे-

2- आद्गुण:- (गुण सन्धि)-

अ, या, आ के बाद इ, उ, ऋ (हृस्व या दीर्घ) तथा 'लृ' के आने पर दोनों के मेल से क्रमश: ए, ओ, अर् तथा अल् हो जाने पर इनमें गुण सन्धि होती है। उदाहरण-

नियम                    शब्द:

अ + इ = ए             नरेन्द्र:

आ + ई = ए            महेश:

अ + उ= ओ           सूर्योदय:

अ + ऊ = ओ        जलोर्मि

आ + उ = ओ        यथोचितम्

आ + ऊ = ओ         महोरु

अ + ऋ = अर्         सप्तर्षि

आ + ऋ = अर्         महर्षि

अ + लृ = अल्       तवल्कार:

आगे हम अच (स्वर) सन्धि के तीसरे प्रकार 'वृद्धि सन्धि' के बारे में पढ़ेंगे।


तकनीकी सहयोगी एवं प्रमुख सहयोगी- #अरुण_कुमार #अम्बेडकर_नगर

एवं

#जुगल_किशोर_त्रिपाठी #झाॅंसी 


संकलन:- #टीम_मिशन_शिक्षण_संवाद

#दैनिक_संस्कृत_शिक्षण


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