विषय- संस्कृत, टापिक- सन्धि (यण् सन्धि), शीट क्रमांक -10/2025, दैनिक संस्कृत शिक्षण
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क्रमांक:- 10/2025
#दैनिक_संस्कृत_शिक्षण (अभ्यास कार्य)
दिनाँक- 22/03/2025
दिन- शनिवार
प्रकरण- #सन्धि (यण् सन्धि)
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इकोयणचि (यण् सन्धि)-
हृस्व या दीर्घ इ, उ, ऋ तथा लृ के बाद कोई असवर्ण (असमान वर्ण) होने पर पूर्ववर्ती स्वर के स्थान पर क्रमश: ' इ' का 'य्', 'उ' का 'व्', 'ऋ' का 'र्' और लृ का ल् हो जाता है। उदाहरण-
नियम शब्द
इ का य यद्यपि
इ का य प्रत्येकम्
ई का य देव्युवाचः
उ का व अन्वयः
उ का व स्वागतम्
ऋ का र् पित्राज्ञा
ऋ का र् मात्राज्ञा
लृ का ल् लाकृति:
सन्धि-विच्छेद
यदि + अपि = यद्यपि ।
प्रति+ एकम् = प्रत्येकम्।
देवी + उचावः = देव्युवाच:।
अनु + अय: = अन्वय: ।
सु + आगतम्= स्वागतम्।
पितृ + आज्ञा = पित्राज्ञा।
मातृ+ आज्ञा =मात्राज्ञा।
लृ + आकृति = लाकृति।
प्रश्न-1 सन्धि विच्छेद करो
अत्युत्तमः, इत्यत्र, मध्वरिः, वध्वागमनः,धात्रांशः मात्रादेशः।
तकनीकी सहयोगी एवं प्रमुख सहयोगी- #अरुण_कुमार #अम्बेडकर_नगर
एवं
#जुगल_किशोर_त्रिपाठी #झाॅंसी
संकलन:- #टीम_मिशन_शिक्षण_संवाद
#दैनिक_संस्कृत_शिक्षण
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