विषय- संस्कृत, टापिक- वर्ण, शब्द और भाषा, शीट क्रमांक -05/2025, दैनिक संस्कृत शिक्षण
✳️✳️✳️✳️✳️✳️✳️✳️✳️✳️✳️
क्रमांक:- 05/2025
#दैनिक_संस्कृत_शिक्षण (अभ्यास कार्य)
दिनाँक- 17/03/2025
दिन- सोमवार
प्रकरण- #वर्ण_शब्द_और_भाषा
(अच् (स्वर) और हल् (व्यंजन) के प्रकार)
------------------------
फेसबुक पर देखने व फीडबैक देने हेतु क्लिक करें👇
https://www.facebook.com/share/p/1BMd1hWxUS/
(अच्) स्वर और (हल्) व्यंजन के प्रकार-
(अ)- अच्-
अच् को हिन्दी में स्वर और हल् को हिन्दी में व्यंजन कहते हैं।
संस्कृत में अच् तीन प्रकार के होते है-
1- हृस्व अच्- जिन अच् (स्वरों) के उच्चारण में एक मात्रा या पल का समय लगता है, उन्हें 'हृस्व अच् कहते हैं, जैसे- अ, इ, उ ऋ, लृ ।
2- दीर्घ अच्- जिन अच् (स्वरों) के उच्चारण में दो मात्रा का समय लगता है, उन्हें 'दीर्घ अच्' कहते हैं, जैसे- आ, ई, ऊ, ॠ, ऐ, ओ, औ ।
3- प्लुत अच्- जिन अच् (स्वरों) के उच्चारण मे तीन मात्रा का समय लगता है, उन्हें 'प्लुत अच्' कहते हैं, जैसे- राइम्, ओ३म् ।
(ब)- हल्-
संस्कृत में हल् भी तीन प्रकार के होतेहैं-
1- स्पर्श हल् 2- अन्त:स्थ हल् 3- ऊष्म हल् ।
1- स्पर्श हल्- ये संख्या में कुछ 25 होते हैं-
-------------------------------------
वर्ग का नाम हल् (व्यंजन)
-------------------------------------
कवर्ग- क् ख् ग् घ् ङ्
चवर्ग- च् छ् ज् झ् ञ्
टवर्ग- ट् ठ् ड् ढ् ण्
तवर्ग- त् थ् द् ध् न्
पवर्ग- प् फ् ब् भ् म्
2- अन्त:स्थ हल् (व्यंजन)- इनकी संख्या चार होती है- य् र् ल् व् ।
3- ऊष्म हल् (व्यंजन)- इनकी संख्या चार होती है- श् ष स् ह् ।
1- इसके अतिरिक्त विसर्ग (:) व अनुस्वार (अं) भी ध्वनि हैं, जो न अच् हैं और न हल्। इसलिए इन्हें अयोगवाह कहा जाता है।
2- अ, आ + इ, ई = ए तथा अ, आ + उ,ऊ = ओ को 'गुण' कहते हैं।
3- अ, आ + ए, ऐ = ऐ तथा अ, आ + ओ, औ = औ को 'वृद्धि' कहते हैं।
आगे हम विभिन्न वर्णों के उच्चारण स्थान की चर्चा करेंगे।
तकनीकी सहयोगी एवं प्रमुख सहयोगी- #अरुण_कुमार #अम्बेडकर_नगर
जुगल_किशोर_त्रिपाठी #झाॅंसी
संकलन:- #टीम_मिशन_शिक्षण_संवाद(दैनिक संस्कृत शिक्षण)
✳️✳️✳️✳️✳️✳️✳️✳️✳️✳️✳️
Comments
Post a Comment