विषय- संस्कृत, टापिक- वर्ण, शब्द और भाषा, शीट क्रमांक -05/2025, दैनिक संस्कृत शिक्षण

 


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क्रमांक:- 05/2025

#दैनिक_संस्कृत_शिक्षण (अभ्यास कार्य)

दिनाँक- 17/03/2025 

दिन- सोमवार 

प्रकरण- #वर्ण_शब्द_और_भाषा

(अच् (स्वर) और हल् (व्यंजन) के प्रकार)

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(अच्) स्वर और (हल्) व्यंजन के प्रकार-

(अ)- अच्-

अच् को हिन्दी में स्वर और हल् को हिन्दी में व्यंजन कहते हैं।

संस्कृत में अच् तीन प्रकार के होते है-

1- हृस्व अच्- जिन अच् (स्वरों) के उच्चारण में एक मात्रा या पल का समय लगता है, उन्हें 'हृस्व अच् कहते हैं, जैसे- अ, इ, उ ऋ, लृ ।

2- दीर्घ अच्- जिन अच् (स्वरों) के उच्चारण में दो मात्रा का समय लगता है, उन्हें 'दीर्घ अच्' कहते हैं, जैसे- आ, ई, ऊ, ॠ, ऐ, ओ, औ ।

3- प्लुत अच्- जिन अच् (स्वरों) के उच्चारण मे तीन मात्रा का समय लगता है, उन्हें 'प्लुत अच्' कहते हैं, जैसे- राइम्, ओ३म् ।

(ब)- हल्-

संस्कृत में हल् भी तीन प्रकार के होतेहैं-

1- स्पर्श हल्  2- अन्त:स्थ हल्  3- ऊष्म हल् ।

1- स्पर्श हल्- ये संख्या में कुछ 25 होते हैं-

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वर्ग का नाम   हल् (व्यंजन)

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कवर्ग-           क् ख् ग् घ् ङ्

चवर्ग-            च् छ् ज् झ् ञ्

टवर्ग-             ट् ठ् ड् ढ् ण्

तवर्ग-            त् थ् द् ध् न् 

पवर्ग-            प् फ् ब् भ् म् 


2- अन्त:स्थ हल् (व्यंजन)- इनकी संख्या चार होती है- य् र् ल् व् ।

3- ऊष्म हल् (व्यंजन)- इनकी संख्या चार होती है- श् ष स् ह्  ।

1- इसके अतिरिक्त विसर्ग (:) व अनुस्वार (अं) भी ध्वनि हैं, जो न अच् हैं और न हल्। इसलिए इन्हें अयोगवाह कहा जाता है।

2- अ, आ + इ, ई = ए तथा अ, आ + उ,ऊ = ओ को 'गुण' कहते हैं।

3- अ, आ + ए, ऐ = ऐ तथा अ, आ + ओ, औ = औ को 'वृद्धि' कहते हैं।

आगे हम विभिन्न वर्णों के उच्चारण स्थान की चर्चा करेंगे।


तकनीकी सहयोगी एवं प्रमुख सहयोगी- #अरुण_कुमार #अम्बेडकर_नगर

जुगल_किशोर_त्रिपाठी #झाॅंसी 


संकलन:- #टीम_मिशन_शिक्षण_संवाद(दैनिक संस्कृत शिक्षण)


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