हे शारदे माँ हमें ज्ञान दे माँ

हे शारदे माँ हमें ज्ञान दे माँ।

हम छोटे हैं बालक राह दिखा दे माँ

ज्ञान की ज्योति से हमें जगा दे माँ

हे शारदे माँ हमें ज्ञान दे माँ।


नित आगे बढ़ें ऐसा वरदान दे माँ

भूल से भी कभी भूल न करें माँ

हे शारदे माँ हमें ज्ञान दे माँ।


पढ़ लिख कर कर देश का नाम रोशन करें माँ

करें न बैर किसी से रहें भाईचारे से माँ

हे शारदे माँ हमें ज्ञान दे माँ।


छोटों से प्यार बड़ों की सेवा करें माँ

दीन दुखियों पर दया करें माँ

हे शारदे माँ हमें ज्ञान दे माँ।


देश की सेवा में आगे बढ़ें माँ

बुराइयों से बचें गुणों से भर दे माँ

हे शारदे माँ हमें ज्ञान दे माँ।


रचयिता
सुषमा मलिक,
सहायक अध्यापक,

कंपोजिट स्कूल सिखेड़ा,

विकास खण्ड-सिंभावली, 
जनपद-हापुड़।



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