आओ गुणगान करें
आदि शक्ति जगदंबा का, आओ गुणगान करें
साहस, धैर्य, शक्ति दे, श्री चरणों में ध्यान करें
दुर्गम पथ को सुगम बनाती, मंगलकारी अंबे
नौ-नौ रूप सृजनकारी, पूजा-पाठ संधान करें
मनोविकार को त्याग कर, रहे सद् धर्म उपवास
धारणकत्री मांँ के आँचल से, वात्सल्य रस पान करें
जब भी विपता पड़ी भक्तों पर, भवानी ने सँभाला
चंडी, काली रूप धरकर, माँ खुद दुष्टों का संहार करें
सरल, सफल, सुरमम्य जीवन, देना हे! माते
बालक मैं अबोध हूँ, नतमस्तक मन गान करे
रचयिता
वन्दना यादव "गज़ल"
अभिनव प्रा० वि० चन्दवक,
विकास खण्ड-डोभी,
जनपद-जौनपुर।
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