कन्या भोज
नवरात्रि के शुभ दिन आए,
आओ कन्या भोज कराएँ,
माता रानी के चरणों में,
आओ आशा के दीप जलाएँ।
नवरात्रि के शुभ दिन आए,
आओ कन्या भोज कराएँ.......
छोटी-छोटी प्यारी-प्यारी,
कन्याओं को घर में बुलाएँ,
पुष्पों की वर्षा कर उन पर,
घर के अंदर प्रवेश कराएँ।
नवरात्रि के शुभ दिन आए,
आओ कन्या भोज कराएँ.......
थाली में चरण धुला कर के,
उनको आसान पर बैठाएँ।
कन्याओं के नन्हे चरणों पर,
रोली, पुष्प लाल चढ़ाएँ।
नवरात्रि के शुभ दिन आए,
आओ कन्या भोज कराएँ......
माथे पे टीका लाल लगाकर,
उनको चुनरी लाल ओढ़ाएँ,
माता रानी का रूप समझकर,
कन्याओं को खूब सजाएँ।
नवरात्रि के शुभ दिन आए,
आओ कन्या भोज कराएँ.......
माँ दुर्गा का पूजन करके,
हलवा पूड़ी का भोग लगाएँ।
खीर, पूड़ी, फल, मेवा से,
कन्याओं को भोज कराएँ।
नवरात्रि के शुभ दिन आए,
आओ कन्या भोज कराएँ......
दान दक्षिणा देकर उनको,
द्वारे तक प्यार से विदा कराएँ।
छूकर उनके चरण कमलों को,
जीवन अपना धन्य बनाएँ।
नवरात्रि के शुभ दिन आए,
आओ कन्या भोज कराएँ .......
घर के आँगन में मैया के
बाल रूप के दर्शन पाएँ।
माता रानी की कृपा से,
अपने बिगड़े काम बनाएँ।
नवरात्रि के शुभ दिन आए,
आओ कन्या भोज कराएँ.......
रचनाकार
सपना,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय उजीतीपुर,
विकास खण्ड-भाग्यनगर,
जनपद-औरैया।
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