मैडम
तुम कितनी अच्छी हो, कितनी भोली हो,
प्यारी-प्यारी हो, मेरी मैडम मेरी मैडम।
तुम त्याग और अहिंसा की मूरत हो,
परोपकार और सदाचार की सूरत हो।
मेरी मैडम, मेरी मैडम।
अनुशासन में रहना मैडम आपने सिखाया है।
अगर जिद की भी हमने,
प्यार से, समझाया है
तुम बिन मेरी मैडम, जिंदगी अधूरी है। मेरी मैडम मेरी मैडम।
जीवन में आगे बढ़ना, आपने ही सिखलाया है,
व्यर्थ बातों पर ध्यान ना देना।
आपने ही बताया है।
आपकी ही बातों से मेरी जिंदगी बदली है।
मेरी मैडम, मेरी मैडम।
तुम कितनी अच्छी हो,
कितनी प्यारी हो, मेरी मैडम मेरी मैडम।।
रचयिता
बीना रानी,
सहायक अध्यापक,
पूर्व माध्यमिक विद्यालय पुल नानूऊ,
विकास खण्ड-अकराबाद,
जनपद-अलीगढ़।
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