शिक्षक संकल्प
शिक्षक हैं, संकल्प हमें यह करना है।
कर्मभूमि पर सदा प्रयासरत रहना है।।
हर परिस्थितियों का डटकर मुकाबला करना है।
आज लगे जो दण्ड, कल वो पुरस्कार बन जाना है।।
कमियों का रोना रोकर लक्ष्य से नहीं हटना है।
दृढ़ संकल्प से दुविधा की बेड़ी को काटना है।।
आलोचनाओं को सुनकर हताश नहीं होना है।
उनका विश्लेषण कर समाधान खोजना है।।
गलती से भी सीखकर, गलती को वरदान बनाना है।
उत्तम चिंतन मंथन से प्रगति पथ को पाना है।।
नये-नये प्रयासों से नयी चेतना जाग्रत करना है।
छात्रों की उत्तम नींव भर, नवयुग निर्माण करना है।।
जग में हर व्यवहार को सहन करना है।
धैर्य और ज्ञान से दिलों पर विजय पाना है।।
सकर्म करते हुए शिक्षक सम्मान बढ़ाना है।
शिक्षक है युग निर्माता हर मुख पर दोहराना है।।
बच्चों को जीवनोपयोगी ज्ञान और कौशलों से भरना है।
पहले बच्चे को पढ़ उनके अनुरूप ज्ञान का साँचा गढ़ना है।।
शिक्षक पद सौभाग्य से मिला निष्ठापूर्वक सँभालना है।
गुरु-शिष्य सम्बंध को जग में स्मरणीय बनाना है।।
सभी करें गुरु जी को नमन, ऐसा स्वरूप बनाना है।
नित कर्तव्यनिष्ठ रहकर खोया सम्मान पाना है।।
रचयिता
रीना,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय सालेहनगर,
विकास क्षेत्र-जानी,
जनपद-मेरठ।
Comments
Post a Comment