Bye 2022, welcome 2023

बीत गया यह साल पुराना,

जो भी गिले शिकवे हों मिटाना।

दुख में सबका साथ निभाना,

याद रखेगा तुमको जमाना।।


भूल जाओ सब पिछली बातें,

जीवन जी लो हँसते गाते।।

सबकी आँखों में जो आँसू लाते,

उनकी भी आँखें हैं ये भूल जाते।


कुछ रिश्ते हैं बनकर आते,

कुछ रिश्ते हैं लोग बनाते।

कुछ इतने हैं खास हो जाते,

बिन रिश्ते के रिश्ता निभाते।।


नये साल का जश्न मनाओ,

मतलब के रिश्ते ना बनाओ।

जिन्दगी है एक उतार-चढ़ाव,

अपने आज में खुश हो जाओ।।


रचयिता

अंकुर पुरवार,

सहायक अध्यापक,

उच्च प्राथमिक विद्यालय सिथरा बुजुर्ग,

विकास खण्ड-मलासा,

जनपद-कानपुर देहात।


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