गुण तेरे गाएँगे

गुण तेरे गाएँगे,

तुझे शीश झुकाएँगे।

तेरे चरणों में माँ,

हम शीश झुकाएँगे।


चाहे बादल छाए,

चाहे तूफान आए।

हाथों में तिरंगा ये,

माँ हरपल लहराए।

गुण तेरे गाएँगे........


चाहें भूख लगे हमको,

चाहें प्यासे मर जाए।

सरहद पे हम माता,

जरा भी ना घबराएँ।

गुण तेरे गाएँगे........


रंग तीन तिरंगे के,

हमसे कुछ कहते हैं।

भारत के वीरों की,

नई गाथा कहते हैं।

गुण तेरे गाएँगे........


अभिमान तिरंगा है,

स्वाभिमान तिरंगा है।

भारत के वीरों की,

सुनो जान तिरंगा है।

गुण तेरे गाएँगे........


अब तक लूटा सबने,

अब लूटने ना देंगे।

माता की रक्षा में,

पहरा हम सब देंगे।

गुण तेरे गाएँगे........


रचनाकार

सपना,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय उजीतीपुर,
विकास खण्ड-भाग्यनगर,
जनपद-औरैया।

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