शारदे वंदना

नमो वीणापाणि नमो शारदे,

शरण मैं तिहारी मुझे तार दे।

सुधा प्रेम बरसाओ ममतामयी,

देखे स्वप्न जो उनको आकार दे।

नमो वीणापाणि नमो शारदे।। 


करो दूर जड़ता सकल मात तुम, 

माँ जीवन में लाओ नवल प्रात तुम।

कृपा से तेरी बुद्धि विद्या मिले, 

तभी ज्ञान के दीप उर में जले।

हमें ज्ञान-विज्ञान का सार दे,

नमो वीणापाणि नमो शारदे।।


तिलक तव चरण रज "सुमन" भाल हो,

दयादृष्टि तेरी सदा ढाल हो।

करें ध्यान हरपल तेरा मात हम, 

दे खुशियों की सौगात हमको परम।

मधुर कंठ हो सुर में झनकार दे,

नमो वीणापाणि नमो शारदे।। 


है विनती यही साथ तेरा रहे,

उजाला मेरे पथ में पग-पग करें।

सदा लेखनी गीत गाती रहे,

सृजन के नए सुर सजाती रहे।  

विराजें कलम भाव विस्तार दें, 

नमो वीणापाणि नमो शारदे।

शरण मैं तिहारी मुझे तार दे,

नमो वीणापाणि नमो शारदे।।


रचयिता

सुमन सिंह,

सहायक अध्यापक,

उच्च प्राथमिक विद्यालय बिल्ली,

विकास खण्ड-चोपन, 

जनपद-सोनभद्र।



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