बसंत पंचमी

धरती का श्रृंगार करने

फिर से आई बसंत ऋतु 

जीवन में खुशियों को भरने 

देखो आई बसंत ऋतु।। 


सरसों फूली खेतों में 

प्रकृति में अनुपम छटा छाई 

सबके मन को महकाने 

देखो बसंत ऋतु आई।।


वृक्ष लदे नवपल्लव और पुष्पों से फूलों ने खुशबू बिखराई 

चारों ओर चली हवा सुहानी कण-कण में सुंदरता आई।। 


सारी सृष्टि पर माँ सरस्वती की 

पीली चुनरी लहराई 

ऋतु में सबसे श्रेष्ठ ऋतु 

देखो बसंत ऋतु आई।।


रचनाकार

मृदुला वर्मा,

सहायक अध्यापक,

प्राथमिक विद्यालय अमरौधा प्रथम,

विकास खण्ड-अमरौधा,

जनपद-कानपुर देहात।



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