हिंदी माँ

जग में सदा मुस्काए,

मेरी हिंदी माँ।

ममता सदा बरसाए,

मेरी हिंदी माँ।


रसधार प्रेम की माँ,

तुझमें ही समाई है।

हम लाल हैं तेरे,

हमारी तू माई है।


तुझसे नहीं प्यारा हमें,

माँ कोई जहान में।

धड़कन सी तू धड़के,

दिल के मकान में।


रस, छंद, अलंकार की,

माया है तेरी माँ।

शालीनता का तुझमें,

गुण समाया है मेरी माँ।


हर लफ्ज़ में माँ मेरी,

बस तेरा ही नाम हो।

हिंदी और हिंदोस्तान,

सदा ही महान हो।

 

जब तक रहे ये जीवन,

तेरी जयकार करेंगे।

गुणगान तेरा माई हम,

हर बार करेंगे।


रचनाकार

सपना,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय उजीतीपुर,
विकास खण्ड-भाग्यनगर,
जनपद-औरैया।



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