नूतन वर्ष

लो आ गया है एक और नूतन नव वर्ष,

चहुँओर मन में छाईं खुशियाँ, उत्साह और हर्ष।


फैली फिजा में सरसों की दूर तक घनी चादर,

मानो नव वर्ष स्वागत के लिए है बहुत आतुर।


नए साल में नया कैलेंडर ही ना हो सिर्फ नया,

करो कुछ नये प्रण, जाओ भूल जो बीत गया।


नव वर्ष में आओ लें बड़े-बूढ़ों का आशीर्वाद,

बितायें साथ कुछ पल, करें आपस में संवाद।


इस वर्ष भी आएँगे कुछ सुख-दुख के पल,

न खोना हिम्मत निकलेगा जरूर कुछ हल।


आओ करें सब मिलकर नव वर्ष का स्वागत,

सबको मिले पेट भर भोजन बस इतनी है चाहत।


रचयिता

शालिनी,

सहायक अध्यापक,

प्राथमिक विद्यालय बनी, 

विकास खण्ड-अलीगंज,

जनपद-एटा।



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