आया नूतन वर्ष

आया  नूतन  वर्ष यह, चहुँदिश भरा उमंगl

हुआ  प्रफुल्लित  देख  मन, सदा रहे ये रंगll

सदा  रहे  ये  रंग, मिलें  खुशियाँ  मनचाहींI

रहे समय अनुकूल, मिटें घड़ियाँ अनचाहींll

कह 'माधव' कविराय, पड़े न दुःख की छायाI

उन्नति  करो  हज़ार, साल सुन्दर जो आयाIl


प्यारा लगता है बहुत, देख  गज़ब उल्लासI

दिन - दूना निशि चौगुना, होता रहे विकासll

होता   रहे  विकास, मिले  सम्मान  प्रतिष्ठाl

धन  वैभव  भरपूर, सदा  उत्तम  हो  निष्ठाIl

कह 'माधव' कविराय, तुम्हें फल दे यह न्याराl

नशा व्यसन  कर त्याग, वर्ष नूतन ये प्याराll


रचयिता

कवि सन्तोष कुमार 'माधव',

सहायक अध्यापक,

पूर्व माध्यमिक विद्यालय सुरहा,

विकास खण्ड-कबरई,

जनपद-महोबा।



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