लाल तेरा हूँ मिट्टी का

भारत माता शान तेरी,

 यूँ ही बढ़ाता जाऊँगा।

 लाल तेरा हूँ मिट्टी का,

 मिट्टी में मिल जाऊँगा।

लाल तेरा हूँ मिट्टी का------------------


महक रही भारत की मिट्टी,

महकी हुई हवायें हैं।

 किसने ये बारुदें घोलीं, 

 किसने तोपें ये तानी हैं।

लाल तेरा हूँ मिट्टी का------------------ 


तुझ पर आँच न आने देंगे,

 हम ये वचन निभाते हैं।

 टुकड़ों में भी कट कर हम, 

अपना फर्ज निभायेंगे। 

लाल तेरा हूँ मिट्टी का------------------


क्यों माँ इतना रोती है, 

आँसू से आँख भिगोती है।

तेरा फर्ज निभाने को, 

मैं अगले जन्म फिर आऊँगा।

लाल तेरा हूँ मिट्टी का------------------


भारत मेरा रहे सलामत, 

रहे सलामत खुशहाली।

अमर रहे मेरा तिरंगा, 

"दीप" जब तक सूरज की लाली।

लाल तेरा हूँ मिट्टी का --------------------------

  

रचनाकार

दीपमाला शाक्य दीप,

शिक्षामित्र,
प्राथमिक विद्यालय कल्यानपुर,
विकास खण्ड-छिबरामऊ,
जनपद-कन्नौज।




Comments

Total Pageviews