जय श्री राम
सारी दुनिया को जिसने
सत्य की राह दिखाई।।
मर्यादा पुरुषोत्तम राम हैं जिसने
रघुकुल रीति निभाई।।
अहंकार का अन्त किया और
सत्य का परचम लहराया
जन-जन की पहचान बनकर
संस्कृति का पाठ पढ़ाया।।
चैत नवरात्रि में माँ दुर्गे संग
श्री राम जन्म उत्सव मनाएँ
मन में बैठे रावण को हम सब
मिलकर आज हराएँ।।
देश की संस्कृति के आधार
हैं मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम
जन-जन के हृदय में बसते
हैं मेरे प्रभु श्री राम।।
रचनाकार
मृदुला वर्मा,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय अमरौधा प्रथम,
विकास खण्ड-अमरौधा,
जनपद-कानपुर देहात।
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