नारी
सृष्टि की सबसे सुन्दर रचना
नारी कहलाती है।
लाती जीवन धरती पर
जगत जननी मानी जाती है।।
स्नेह से घर को सजाती
घर आँगन में रौनक लाती है
बच्चों पर स्नेह लुटाकर
ममता की मूरत कहलाती है।।
हर रूप में कर्तव्य निभाती
सीता कभी सावित्री बन जाती
शक्ति का अवतार बन कर
नारी ही दुर्गा बन जाती है।।
कभी है कोमल फूलों सी
तो कभी तूफानों से टकराती है
नारी अपने हर रूप से
जीवन को महकाती है।।
रचनाकार
मृदुला वर्मा,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय अमरौधा प्रथम,
विकास खण्ड-अमरौधा,
जनपद-कानपुर देहात।
Comments
Post a Comment