रंगों भरी होली
रंगों से भरी न्यारी,
आई है होली प्यारी।
गुलाल तुम लगाओ,
और मारो पिचकारी।
रंगों से भरी न्यारी,
आई है होली प्यारी।
राधा जी खेलें होली,
कृष्णा जी खेलें होली।
आओ निकल पड़े हम,
ग्वालों की बन के टोली।
है रंगो मे नहाई, ये धरा हमारी।
रंगों से भरी न्यारी,
आई है होली प्यारी।
रंगों से खेलें होली,
उमंगों से खेलें होली।
सब द्वेष मिट जाएँ,
बस प्रेम की हो बोली।
इन प्यार के रंगों में,
बस जीत हो हमारी।
रंगों से भरी न्यारी,
आई है होली प्यारी।
रचयिता
पंकज लता मिश्रा,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय छितौनी शाहपुर चगौना,
विकास खण्ड-अहिरौला,
जनपद-आजमगढ़।
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