होली आई

 देखो-देखो होली आई,

रंगों की सौगात है लाई,

मट्ठी, मठरी और समोसे

गुजियों की मिठास है लाई।

होली आई _____


बच्चों के चेहरे खिल जाते, 

बूढ़े भी बच्चे बन जाते,

एक-दूजे को गले लगाकर,

दुश्मन भी दोस्त बन जाते,

रंगों  की इस रंगोली  में,    

रिश्तों की सौगात है लाई,

होली आई_____


चाहें नर हो या नारी, 

होली लगती सबको प्यारी, 

लौंग इलायची कपूर जलाकर,

दूर करो सारी बीमारी, 

सारे गमों को मिटा कर,

खुशियों की बारात है लाई।

होली आई ____


पीकर प्यार की मीठी भंग,

दूर करो सब, दिलों की जंग, 

हिन्दू मुस्लिम सिक्ख ईसाई 

कर दे सब को रंगारंग,

लाल, गुलाबी, पीले, नीले,

रंगों की बरसात है लाई, 

होली आई ___


रचयिता

हेमलता गुप्ता,

सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय मुकंदपुर,
विकास खण्ड-लोधा, 
जनपद-अलीगढ़।



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