अन्तर्राष्ट्रीय ग्राहक दिवस

कोई भी व्यापार या व्यवसाय,

ग्राहक बिना हो सकता नहीं।

वस्तु या सेवाएँ कोई भी, 

खरीदार बिना बिक सकता नहीं।।


शॉपिंग माल, दुकान या हो ऑनलाइन,

ग्राहक से ही, बनता है रिकॉर्ड हाई।

ये मनपसंद, खरीदारी हैं करते,

बड़े-बड़े विज्ञापन जाती बनाई।।


 लाखों, हजारों, करोड़ का होता लेन-देन,

ग्राहक हो संतुष्ट तो, कंपनी चलती खूब। 

'अन्तर्राष्ट्रीय ग्राहक दिवस' पर 

कम्पनियाँ धन्यवाद करते, इनके भरपूर।।


19 मार्च 2010 को, पहली बार 

'अन्तर्राष्ट्रीय ग्राहक दिवस' मनाया गया।

लोकप्रिय सुविधा स्टोरों तक, हो सेवाएँ, 

व्यावसायिक योगदान का जश्न मनाया गया।।


रचयिता

वन्दना यादव "गज़ल"
सहायक अध्यापक,

अभिनव प्रा० वि० चन्दवक,

विकास खण्ड-डोभी, 
जनपद-जौनपुर।

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