होली
खुशियों की सौगात लिए,
हर वर्ष आती है होली।
बच्चों की मनभावन,
रंग - बिरंगा त्योहार है होली।।
जाति - धर्म के बंधन से मुक्त,
सबको गले लगाती होली।
गिले - शिकवे दूर कर,
भाई -चारे का संदेश सुनाती होली।।
पुरखों की विरासत का त्योहार होली,
उमंग, उत्साह, आनंद संग।
बुराई पर अच्छाई का पाठ पढ़ाती होली।।
लोक संस्कृति की पहचान होली,
गुझियों की मिठास जस रहे जीवन।
हम सबको यह गुर सिखलाती होली।।
ब्रज की हो या काशी की,
चाहें हो बरसाने की...
भारत की सुदीर्घ परंपरा की संवाहक है होली।
गौरवमयी इतिहास का दर्शन कराकर,
प्रेम, सौंदर्य का एहसास कराती।
गरिमा का पालन करते हुए,
देवर -भाभी, जीजा - साली जस रिश्तों की अहमियत जताकर,
अलौकिक मस्ती का त्योहार है होली।।
रचयिता
रवीन्द्र नाथ यादव,
सहायक अध्यापक,
विकास क्षेत्र-गोला,
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