राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस
घर, आँगन, गाँव, देश,
स्वच्छता की बात करें।
हम सब मिल कर आज,
राष्ट्रीय सुरक्षा की बात करें।।
सुरक्षित हो सब अन्दर-बाहर,
सुरक्षित और सबका तन-मन।
रोग, बीमारी, अशिक्षा दूर रहें,
स्वस्थ, सुरक्षित हो हर जन-मन।।
सबको मानव मौलिक अधिकार मिले,
वैज्ञानिक दृष्टिकोण, सद् विचार मिले।
नई पीढ़ी को, हम रखे सुरक्षित,
सरहद पर वीर सिपाही हो रक्षित।
जल, थल, वायु में सुकूँ की खुशबू हो फैली,
आतंकवाद, नफरत से मुल्क ना हो अब मैली।
नारी सुरक्षा हो अपने उत्कर्ष पर
शहीदों की शहादत हो सदा अर्थ पर।
सभी बलिदानों को समर्पित कर हम,
4 मार्च 'राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस' मनायें।
देश की सुरक्षा को जागरूकता लाकर,
सच्चे नागरिक का हम कर्तव्य निभायें।।
रचयिता
वन्दना यादव "गज़ल"
सहायक अध्यापक,
अभिनव प्रा० वि० चन्दवक,
विकास खण्ड-डोभी,
जनपद-जौनपुर।
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