५५७~ अनमोल रत्न गौरव पटेल उच्च प्राथमिक विद्यालय चचियापुर, तालग्राम, कन्नौज, उत्तर प्रदेश

               🏅 #अनमोल_रत्न🏅

मित्रो आज हम आपका परिचय "तन समर्पित, मन समर्पित शिक्षा तेरे लिए यह जीवन समर्पित" के भाव को भूमि देने वाले मिशन शिक्षण संवाद परिवार के सहयोगी अनमोल रत्न शिक्षक भाई गौरव पटेल जी से करा रहे हैं, जिन्होंने अपनी सकारात्मक सोच और समर्पित प्रयासों से समाज को शिक्षक के शिक्षकत्व का अर्थ सिद्ध करके दिखा दिया है। मिशन शिक्षण संवाद परिवार ऐसे अनमोल रत्न शिक्षक भाई बहनों को सादर नमन करता है। 🙏🙏🙏


आइये देखते है आपके समर्पित प्रेरक एवं अनुकरणीय प्रयासों को- 

👉1..शिक्षक का परिचय :-

गौरव पटेल

उच्च प्राथमिक विद्यालय चचियापुर, तालग्राम, कन्नौज, उत्तर प्रदेश

प्रथम नियुक्ति:- 07 अक्टूबर 2015

वर्तमान विद्यालय में नियुक्त:- 4 सितम्बर 2018


👉 2- विद्यालय को उत्कृष्ट बनाने के प्रयास :-

A- स्वयं के प्रयास:- मेरा विद्यालय एकल विद्यालय है जिसमे सिर्फ मैं ही अध्यापक हूँ।

मेरा विद्यालय ब्लॉक के पिछड़े क्षेत्र से आता था। जब मेरा पारस्परिक स्थानांतरण इस विद्यालय में हुआ तो यहाँ सिर्फ एक शिक्षक ही थे। इस कारण मैं यहाँ पहले दिन से ही अकेला शिक्षक था। विद्यालय की स्थिति ठीक नहीं थी। इसलिये यहाँ खोने को कुछ था नहीं सिर्फ पाना ही पाना था।  विद्यालय की पहचान बस इतनी थी कि  एक बार मैं डाइट पर अपने ही ब्लॉक के चार या पाँच शिक्षकों से मिला तो उन्होंने जब मेरे विद्यालय का नाम पूंछा और जबाब में मैंने बताया कि उच्च प्राथमिक विद्यालय चचियापुर में  कार्यरत हूँ तो उन लोग ने मुझ से ब्लॉक का नाम पूँछा। ब्लॉक का नाम बताते हुए मुझे बहुत ताज्जुब हुआ कि मेरा विद्यालय इतना पिछड़ा है कि ब्लॉक के लोग भी ठीक से नहीं पहचानते। फिर काम करता रहा, दिन बीतते गये और स्कूल को पहचान मिलती गयी।

B- अन्य शिक्षकों के सहयोग से:- वैसे तो अपने विद्यालय में अकेला शिक्षक हूँ लेकिन बेसिक शिक्षा में कई शिक्षक मित्र हैं उनके सुझाव एवं सहयोग  हमेशा मिलता रहता है। अकेला हूँ तो जिम्मेदारियां भी अधिक हैं, यह भी अच्छा है कि इन जिम्मेदारियों की बजह से अकेलापन महसूस करने का भी वक़्त नही रहता।

C- जनप्रतिनिधि के सहयोग से:-  ग्राम प्रधान द्वारा विद्यालय के लिये कई कार्य किये गए तथा लगातार बच्चो को प्रोत्साहित करते रहते हैं।

D- शासन के सहयोग से:- शासन  द्वारा जो योजनाएं चलाईं जाती हैं निश्चित तौर पर उनसे बच्चे लाभान्वित होते हैं और लोगों का रुझान सरकारी विद्यालयों की ओर बढ़ रहा है।

E- जन सहभागिता से:-

जब विद्यालय में कार्यभार ग्रहण किया तो

विद्यालय का भौतिक एवं शैक्षिक वातावरण देखकर लगा कि बहुत कुछ बदलने की आवश्यकता है यहाँ। तीन, चार दिन बैठकर प्लान बनाया कि कब, क्या और कैसे करना है? इसके बाद एक माह तक हर रोज लगभग 10 घण्टे विद्यालय में बिताये। एक्स्ट्रा टाइम इसलिए देता था कि शिक्षण कार्य प्रभावित न हो। गाँव के लोग भी मेरे काम को देखते थे तो धीमे धीमे सभी साथ आ गए। अब जन सहयोग इतना है कि पूरा गांव ही विद्यालय परिवार का हिस्सा बन गया है।









👉3- किए गये प्रयासों का परिणाम:-

A- प्रयास से पहले नामांकन 27 एवं और औसत उपस्थिति 11 बच्चे प्रतिदिन।

प्रयास के बाद नामांकन- 75  औसत उपस्थिति- 67 बच्चे प्रतिदिन

B- वर्तमान उपस्थिति का प्रतिशत 89%

👉 4- विद्यार्थियों की उपलब्धियाँ:-

A- विद्यार्थियों द्वारा प्राप्त पुरस्कार विवरण:-  बच्चे ब्लॉक, जिला एवं मण्डल स्तर पर पुरस्कार पा चुके हैं।

B- विद्यार्थियों की विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता का विवरण:-

वर्तमान सत्र में 6 बच्चों का चयन राष्ट्रीय आय एवं योग्यता आधारित छात्रवृति परीक्षा में हुआ है। जिससे प्रत्येक छात्र को कक्षा- 9 से कक्षा- 12 तक की पढ़ाई के लिये 48000 रुपये प्राप्त होंगे।

👉 5 - विद्यालय की प्रेरक शिक्षण, सांस्कृतिक, सामाजिक एवं खेलकूद गतिविधियाँ-

विद्यालय में बच्चों की शैक्षिक गतिविधियों के साथ- साथ सांस्कृतिक कार्यक्रमों और खेलकूद पर भी ध्यान दिया जाता है तथा प्रत्येक बच्चे को इसके लिए प्रोत्साहित किया जाता है।

👉6 - शिक्षकों और विद्यालय की उपलब्धियां :-

A- शिक्षकों के नवाचारों का विवरण:- एकल विद्यालय का बेहतर तौर पर संचालन हो रहा है यही नवाचार है।

B- शिक्षकों के विभिन्न सम्मानों एवं पुरस्कारों का विवरण:- मेरे विद्यार्थियों की उपलब्धियां और गाँव वालों एवं बच्चों का मेरे प्रति आदर भाव ही मेरे लिये सबसे बड़ा पुरस्कार है और यही सुकून भी देता है।इसके अतिरिक्त ब्लॉक एवं जिला स्तर पर उत्कृष्ट शिक्षक का पुरस्कार प्राप्त हुआ है।

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👉7 - मिशन शिक्षण संवाद के लिए संदेश :- मिशन शिक्षण संवाद की टीम बहुत अच्छा कार्य कर रही है। मेरे जैसे एकल अध्यापक वाले विद्यालयों के लिये बहुत ही सहयोगी प्लेटफॉर्म है। प्रतिदिन भेजी जाने वाली शैक्षिक सामग्री से बच्चे बहुत लाभान्वित होते हैं।

👉8 - शिक्षक समाज के लिए संदेश :-

वर्तमान में बहुत आवश्यक है कि आप जिस विद्यालय में कार्यरत हैं वहाँ का माहौल अच्छा हो। पूरा स्टाफ टीम भावना के साथ काम करता हो। लेकिन बहुत कम जगह ही  ऐसा माहौल मिलता है। माहौल खराब होने के दो कारण हैं -

1. कोई अगर अच्छा कार्य कर रहा है तो लोग उसका सम्मान करते हैं तो दूसरे लोगो को दिक्कत महसूस होने लगती है जबकि उनको भी बेहतर कार्य करना चाहिए जिससे उनको भी वही सम्मान मिले।

2. यदि विद्यालय को कोई उपलब्धि मिलती है तो उसमें श्रेय लेने के लिये या तो लगातार और साथियों को छोड़कर अकेले ही आगे आते हैं। जबकि ख्याल रखें श्रेय लेना या अवार्ड लेना छोटी चीजें हैं सम्बन्ध अच्छे रखने का प्रयास कीजिये। 

सभी शिक्षकों, शिक्षामित्र एवं अनुदेशक साथियों से आग्रह है कि टीम भावना से काम कीजिए, आपसी तालमेल अच्छे कीजिए। वर्तमान में कई नए शिक्षक नियुक्त हुए हैं उन्हें अपने पुराने साथियों से सहयोग और मार्गदर्शन की आवश्यकता है आप सभी अपने साथियों का सहयोग कीजिए। यह सहयोग आपको सकारात्मक ऊर्जा देगा, जिससे आप अच्छी तरह से कार्य कर पाएंगे और अपने साथियों से भी सहयोग ले पाएंगे।

साभार : गौरव पटेल

उच्च प्राथमिक विद्यालय चचियापुर, तालग्राम  कन्नौज(उ०प्र०)

👉9- संकलन एवं सहयोग 

आशुतोष दुबे मिशन शिक्षण संवाद परिवार कन्नौज

नोट :- यदि आपने और आपके किसी परिचित शिक्षक साथी ने अपने स्वयं के प्रयासों, समर्पण और संवेदनशीलता से शिक्षा के उत्थान, शिक्षक के सम्मान और मानवता के कल्याण के लिए कुछ प्रेरक एवं अनुकरणीय कार्य किए हैं तो भेजते रहें, भिजवाते रहें और सीखते - सिखाते रहें।।

बहुत-बहुत धन्यवाद! 

हार्दिक शुभकामनाएँ! 

27-08-2022 

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