विश्व योग दिवस
विश्व योग दिवस पर आओ
हम सीखें और सिखायें योग,
दुनिया भर ने अपनाया है जो
तो क्यों न हम अपनायें योग।
भौतिक वादी युग में मानव
अवसाद ग्रस्त हो जाता है,
किंचित पता नहीं है उसको
वह क्या खोता क्या पाता है।
बहुत हुआ अब आपा धापी,
समझें और समझायें योग।
कुछ दृश्य और अदृश्य रोगों से
जीर्ण-शीर्ण तन हो जाता है,
दूषित जल और खानपान से
सब अस्त-व्यस्त हो जाता है।
प्रारम्भिक शिक्षा केन्द्रों में भी,
हम बच्चों को सिखा रहे हैं योग।
प्रतिदिन की जीवन शैली में
जो सम्मिलित कर लें हम योग
सदा रहेगा तन मन स्वस्थ
और कोसों दूर रहेगा का रोग।
चलो आज संकल्पित हो जायें
एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए हो योग।
रचयिता
डॉ० प्रभुनाथ गुप्त 'विवश',
सहायक अध्यापक,
पूर्व माध्यमिक विद्यालय बेलवा खुर्द,
विकास खण्ड-लक्ष्मीपुर,
जनपद-महराजगंज।

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