होली
घर-घर खुशियाँ छायी हैं
देखो होली आयी है
मन में भरने प्यार के रंग
सतरंगी होली आयी है।।
गिले शिकवे सब मिटाने
रंगों की फुहार छायी है।
मन के सारे भेद मिटाने
होली एक नई तरंग लायी है।।
रंग गुलाल उड़े चारों ओर
होली का शोर है सब ओर
भीग गए सभी प्रेम के रंग में।
रंग ही रंग छाए चारों ओर।।
भर भर के पिचकारी
खेलें सखियाँ सारी
लाल पीले नीले रंग से
सजी है दुनिया सारी।।
तो आओ हम सब मिलकर
होली का त्योहार मनाएँ।
मिटा के सारे भेद भाव
प्रेम से सबको गले लगाएँ।।
रचनाकार
मृदुला वर्मा,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय अमरौधा प्रथम,
विकास खण्ड-अमरौधा,
जनपद-कानपुर देहात।
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