होली
होली आई, होली आई, देखो होली आई रे।।
रंग खुशी के, रंग हँसी के, रंग प्रेम के लाई,
होली आई, होली आई, देखो होली आई रे।।
सबको एक रंग में रंगने होली आई रे।
प्रेम का कोई रंग ना होता,
बच्चे, बूढ़े सब संग होते,
रंग आदर्शों का, रंग संस्कारों का,
यही संदेश देने देखो होली आई रे,
होली आई, होली आई रे, देखो होली आई रे।।
संस्कृति और विरासत जोडे एक कहानी,
दादी, अम्मा से हमने सुनी कहानी,
प्रहलाद, होलिका, हिरण्यकश्यप नृसिंह भगवान,
सत्य असत्य की लड़ाई में हो गया असत्य दहन,
सबको संदेश यह देने, देखो होली आई रे,
होली आई, होली आई देखो होली आई रे।।
रचयिता
शालिनी सिंह,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय जानकीपुर,
विकास खण्ड-सिराथू,
जनपद-कौशाम्बी।
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