दैनिक नैतिक प्रभात, 24 - 09 - 202, शुक्रवार, नेकी की दावत*
*🌹दैनिक नैतिक प्रभात🌹*
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_*🙏संस्कार सन्देश🙏*_
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*दिनांक*- 24 - 09 - 2021
*दिन*- *शुक्रवार*
*नेकी की दावत*
एक बहुत प्यारा गाँव था। उस गाँव में सोनू नाम का एक बालक रहता था, जो प्रतिदिन समय से स्कूल जाता था। एक दिन सोनू स्कूल जा रहा था, तभी रास्ते में उसे मित्र मोनू मिला। सोनू ने अपने मित्र मोनू से पूछा, क्या हुआ ? तुम्हें स्कूल आज भी नही जाना है। कल सभी शिक्षक पूछ रहे थे कि, आखिर मोनू स्कूल क्यों नही आता है। बताओ! मित्र तुम स्कूल क्यो नहीं चल रहे हो ? मोनू ने सोनू से कहा, भाई सोनू आज मैं मेला जा रहा हूँ कल से स्कूल जाऊँगा। मेरी मानो तो तुम भी स्कूल कल ही जाना। देखो मैंने उस पेड़ के पास अपना बस्ता छुपा दिया है। तुम भी उस पेड़ के पास अपना बस्ता छुपा दो और दोनों लोग मेला चलते हैं। कोई जान भी नहीं पायेगा। स्कूल की छुट्टी के समय हम दोनों वापस आकर बस्ता लेकर घर चले जायेंगे। अम्मी भी जान नहीं पायेगी। तुम तो मुझे अपना दोस्त कहते हो सोनू भाई तो क्या आज तुम मेरी बात नहीं मानोगे। रोज तो तुम स्कूल जाते हो आज मत जाओ।
सोनू ने बहुत प्यार से मोनू से कहा कि, मित्र समझाना मेरा फर्ज है और मैं तुम्हें सही रास्ता ही दिखाऊँ, क्योकि सच्चा मित्र वो होता है जो सही रास्ता दिखाये ना कि गुमराह करे। माना कि बस्ता छुपाने से कोई नहीं देखेगा पर ईश्वर तो देख रहे हैं, जो हर जगह मौजूद हैं। मेला तो हम दोनो छुट्टी के बाद भी अम्मी पापा से पूछ कर जा सकते हैं। ये जो समय है वह स्कूल जाने का है। पढ़ने के लिये है। सपने पूरे करने के लिए है। तुम ही तो कहते थे, मै बड़ा होकर डाॅक्टर बनूँगा, अम्मी की तबियत ठीक नहीं रहती है, मैं खुद पढ़-लिखकर बड़ा होकर डाॅक्टर बनूँगा और अम्मी का इलाज कर ठीक कर दूँगा। मोनू क्या तुम अपनी कही हुई बात भूल गए? इस तरह रोज-रोज नये-नये बहाने बनाकर स्कूल ना जाकर बिन पढ़ाई किये कैसे बनोगे डाॅक्टर ? चलो स्कूल चलो इससे पहले कि देर हो जाये, समय बहुत कीमती है।
तुम ठीक कह रहे हो मोनू भाई, मुझे आपकी बात समझ आ गयी है। तुम मेरे अच्छे मित्र हो तुमने मुझे नेकी की दावत दी है। मित्र वही सच्चा है जो सच्ची राह दिखाये। ये देखो मैं पेड़ से बस्ता ले आया हूँ, अब चलो स्कूल चलें।
*कहानी से सीख*- इस कहानी से यह शिक्षा मिलती है कि हमें कभी भी झूठ नहीं बोलना चाहिए और सच्चा मित्र ही सच्चा पथ प्रदर्शक होता है।
*कहानी निर्माणकर्ता*
शमा परवीन
बहराइच उत्तर प्रदेश,
*संकलन*
*दैनिक नैतिक प्रभात, मिशन शिक्षण संवाद*
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