सरदार भगत सिंह

वो तो आजादी का दीवाना था, 

उसको तो बस अपनी माँ को आजाद कराना था। 


उसने तो मौत को महबूबा, 

आजादी को दुल्हन माना था। 

वो तो आजादी का...... 


खून की मिट्टी कर तिलक, 

कफन का सेहरा बाँधा था। 

वो तो आजादी का.... 


जेपी सौंडर्स के दाग सीने में गोली, 

लाला जी का बदला चुकाया था। 

वो तो आजादी का...... 


फोड़ असेंबली में बम, 

इंकलाब जिंदाबाद चिल्लाया था। 

वो तो आजादी का..... 


जेल में कर भूख हड़ताल, 

अंग्रेजों के पसीने छुड़वाया था। 

वो तो आजादी का...... 


चूम फंदे को गले से लगाया था, 

मौत के आने से पहले मेरा रंग दे बसंती चोला गाया था। 

वो तो आजादी का...


रचयिता

राजीव कुमार सिंह,

सहायक अध्यापक,

कम्पोजित विद्यालय अख़री,

विकास खण्ड-हथगाम,

जनपद-फतेहपुर।



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