मीना की दुनिया
मीना है यूनिसेफ की परिकल्पना,
पढ़ने लिखने का उसने देखा सपना।
चतुर सयानी है मीना हमारी,
जन्मदिन मनाकर देना सहयोग अपना।।
24 सितंबर की तिथि है आई,
मीना को हम सब दें बधाई।
खुशियों का भंडार वो है लाई,
शिक्षा की अलख जगाने आई।।
बच्चों को यह बहुत लुभाती,
नहीं किसी को कभी सताती।
मिट्ठू है उसका प्यारा तोता,
सद्गुणों की जोत वो जगाती।।
हर कहानी में संदेश है लाती,
पीछे हटना कभी ना सिखाती।
शिक्षा का संघर्ष उसने किया है,
मानवीय मूल्यों का एहसास कराती।।
हर बच्ची है मीना का रुप,
उसमें देखो अपना स्वरूप।
अलग है मीना की प्यारी दुनिया,
शपथ ले बनेंगे मीना का ही रुप।।
रचयिता
नम्रता श्रीवास्तव,
प्रधानाध्यापिका,
प्राथमिक विद्यालय बड़ेह स्योढ़ा,
विकास खण्ड-महुआ,
जनपद-बाँदा।
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