विश्व अनुवाद दिवस

अनुवाद करने की प्रक्रिया है पुरानी,

इसके बिना कुछ समझना है बेमानी।

30 सितंबर को विश्व अनुवाद दिवस मनाएँ,

इससे ज्ञानवर्धन की शुरू कहानी।।


बाइबल के अनुवादक सेंट जीरोम की स्मृति में मनाएँ,

हर भाषा के ज्ञान को संभव बनाएँ।

अनुवाद करने ने इस कार्य को सुगम बनाया,

किसी भाषा को झट सीख जाएँ।।


सेंट जीरोम अनुवादकों के संरक्षण संत,

अनुवादकों को एकजुट करने का था फंड।

इंटरनेशनल फेडरेशन आफ ट्रांसलेटर्स की शुरुआत,

स्थापना इसकी 1953 में बताएँ संत।।


अंग्रेजों के शासन में भारत के ग्रंथ अंग्रेजी में अनुवादित,

यह प्रक्रिया अनुवादकों ने की थी संपादित।

भारतीय दर्शन, ग्रन्थों ने किया इतना आकर्षित,

पढ़ने की लालसा ने किया था आह्लादित।।


चारों वेदों का संस्कृत से हिंदी में अनुवाद,

जागरूकता बढ़ाने को किया था अनुवाद।

"अनुवाद और स्वदेशी भाषाएँ" इस वर्ष की थीम,

प्रत्येक वर्ष होता है थीम का चयन दिवस अनुवाद।।


रचयिता
नम्रता श्रीवास्तव,
प्रधानाध्यापिका,
प्राथमिक विद्यालय बड़ेह स्योढ़ा,
विकास खण्ड-महुआ,
जनपद-बाँदा।



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