४८९~ सारिका सक्सेना इं०प्र०अ० उच्च प्राथमिक विद्यालय पथरा, विकास क्षेत्र - आलमपुर, जाफराबाद, जनपद - बरेली
🏅अनमोल_रत्न🏅
आइये देखते हैं आपके द्वारा किए गये कुछ प्रेरक और अनुकरणीय प्रयासों को :-
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👉1- शिक्षक का परिचय :-
सारिका सक्सेना इं०प्र०अ० उच्च प्राथमिक विद्यालय पथरा विकास क्षेत्र - आलमपुर, जाफराबाद, जनपद - बरेली
नियुक्ति तिथि - 03 फरबरी 2003
पदोन्नति तिथि - 26 सितंबर 2011
विद्यालय में आने की तिथि -
26 सितंबर 2011
👉2 - विद्यालय की समस्याएं :-
जब विद्यालय में ज्वाइन किया तो विद्यालय की भौतिक स्थिति बहुत ही खराब थी। विद्यालय में शौचालय, चारदीवारी, पीने के पानी के समुचित प्रबंध का अभाव था। विद्यालय में बच्चों की उपस्थिति भी 10 से 20 प्रतिशत ही थी, अधिकतर अभिभावक भी बच्चों पढ़ाई के लिए प्राइवेट स्कूल को ही प्राथमिकता देते थे। विद्यालय संचालन में सामुदायिक सहभागिता का अभाव था।
👉3- समस्यायों के समाधान के लिए प्रयास- सन 2011 से 2013 तक उक्त विद्यालय में सहायक अध्यापक के पद पर कार्य किया था, इसलिए इन दो वर्षों में मैंने विद्यालय में समय पालन, अनुशासन और शिक्षा की गुणवत्ता पर कार्य किया। विद्यालय में नियमित प्रार्थना सभा, व्यायाम शिक्षण कार्य में नवाचारी प्रयोग आदि कार्य किये। जिसके कारण बच्चों की विद्यालय में दिन प्रतिदिन उपस्थिति बढ़ने लगी, जिसके कारण अभिभावकों की सोच में भी बदलाव आया।
2013 में विद्यालय का इंचार्ज बनने के बाद विद्यालय की भौतिक स्तिथि में भी बदलाव लाने शुरू किये। मेरे द्वारा विद्यालय में आकर्षक रंगाई पुताई करायी गयी। पीने के पानी के लिए नल की व्यवस्था की गयी। ग्राम प्रधान द्वारा चारदीवारी का निर्माण कराया गया एवं विद्यालय के सामने का गड्ढा भी भरवाया। ग्रामवासी जहाँ कूड़ा फेंका करते थे उसी विद्यालय के लिए वे साज-सज्जा के लिए फूलों के पौधे भेंट करने लगे। विद्यालय में बच्चों का नामांकन 65 से बढ़कर 205 हो गया है। विद्यालय में आसपास के पाँच गाँव के बच्चे शिक्षा ग्रहण करने आते हैं।
👉4 - विद्यालय की प्रेरक शिक्षण गतिविधियाँ :-
विद्यालय की प्रार्थना सभा विद्यालय का आइना होती है। हमारे विद्यालय में प्रार्थना सभा का आयोजन बच्चों द्वारा किया जाता है, जिसमें प्रतिदिन एक नई प्रार्थना के साथ प्रेरणा गीत, प्रेरक वाक्य, प्रेरक कहानी, विशेष दिवस एवं सामान्य ज्ञान के प्रश्नों के साथ आज की विशेष खबर जैसी गतिविधियों का आयोजन होता है। बच्चों में स्फूर्ति के संचार के लिए प्रतिदिन प्रार्थना सभा के उपरांत व्यायाम करवाया जाता है। बच्चों को नवाचारों के साथ शिक्षण कार्य कराया जाता है जिसमें उनको स्वयं करके सीखने के अवसर दिए जाते हैं। बच्चों के विज्ञान व गणित के भय को दूर करने के लिये प्रत्येक शनिवार maths-science acitivity day मनाया जाता है। बच्चों को मीना मंच व बाल सभा के माध्यम से अभिव्यक्ति के अवसर दिए जाते हैं।
बच्चों को पर्यावरण के प्रति संवेदनशील बनाने के लिये प्रत्येक वर्ष वृक्षारोपण दिवस मनाया जाता है व पूरे वर्ष बच्चे अपने द्वारा लगाए गए वृक्षों की देखभाल करते हैं।
विद्यालय में बच्चों को किताबों की तरफ आकर्षित करने के लिए लर्निंग कॉर्नर बनाया गया है।
विद्यालय में बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए पाठ्यसहगामी क्रियाकलापों का आयोजन किया जाता है।
👉5- विद्यालय और बच्चों की उपलब्धियाँ :-
विद्यालय में प्रति वर्ष नामांकन वृद्धि की दर बढ़ रही है।
विद्यालय के प्रति अभिभावकों में सहयोग की भावना का विकास हो रहा है जिसका प्रत्यक्ष उदाहरण है कि विद्यालय में जल भराव की स्तिथि से निपटने के लिए विद्यालय परिसर के समीप एक परिवार ने अपने घर में से अंडरग्राउंड पाइप द्वारा जल निकासी की अनुमति देकर अपना पूर्ण सहयोग किया।
विद्यालय के बच्चे ब्लॉक व जिला स्तर की विज्ञान प्रदर्शनी में प्रतिभाग कर पुरस्कृत होते हैं।
बच्चों द्वारा खेल प्रतियोगिताओं में ब्लॉक व जनपद स्तर पर मेडल जीतना।
बच्चों द्वारा सांस्कृतिक गतिविधियों में प्रतिभागिता।
👉6- शिक्षक और विद्यालय परिवार की उपलब्धियाँ :-
विद्यालय को 2018 में नामांकन वृद्धि के लिए जिलाधिकारी महोदय द्वारा प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया।
रोटरी इनरव्हील क्लब द्वारा मुझे उत्कृष्ट कार्य के लिये प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया।
मिशन शिक्षण संवाद द्वारा उत्कृष्ट कार्य के लिए प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया।
वर्तमान में विद्यालय का चयन स्मार्ट क्लास के लिए हुआ है जो कि विद्यालय की एक उपलब्धि ही है।
विद्यालय की समाज में जो पहचान बनी है वह विद्यालय की सबसे बड़ी उपलब्धि है।
👉7- मिशन शिक्षण संवाद के लिये आपका संदेश :-
मिशन शिक्षण संवाद के मंच से बहुत कुछ सीखा है। बहुत से नवाचारी प्रयोग की प्रेरणा इसी मंच से प्राप्त हुई है, इस मंच जो सबसे बड़ी उपलब्धि मेरे लिए है वो है सकारात्मक सोच।
8 - शिक्षक समाज के लिए आपका सुझाव व संदेश :- सभी शिक्षक बंधुओ से मैं ये संदेश देना चाहती हूँ कि विद्यालय समाज का ही एक अंग है अतः सामुदायिक सहभागिता से विद्यालय का संचालन करना न केवल सरल हो जाता है बल्कि बहुत से मुश्किल व असम्भव कार्यों को सुगमता से किया जा सकता है। दृढ संकल्प व कठिन परिश्रम का सुखदायी परिणाम अवश्य मिलता है।
✏️ संकलन एवं सहयोग
रूपेंद्र सिंह जी (संयोजक)
मिशन शिक्षण संवाद बरेली
17-09-2020
नोट : मिशन शिक्षण संवाद में सहयोग और सुझाव के लिए वाट्सअप नम्बर- 9458278429 पर लिखें✍🏽🙏
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