प्यारी मीना

कहती मीना, प्यारी मीना।
चतुर सयानी, न्यारी मीना।
कोख में बेटी अब मत मारो,
खुशी-खुशी इसको स्वीकारो।
इसे पढ़ाओ-इसे बचाओ,
लिंग भेद का दाग मिटाओ।
कहती मीना, प्यारी मीना।
चतुर सयानी, न्यारी मीना।
होठों को अब नहीं सिएगी,
नहीं बंदिशों में ही जिएगी।
बोझ समझ इसको मत पालो,
खेल कूदकर खूब बढ़ेगी।
कहती मीना, प्यारी मीना।
चतुर सयानी, न्यारी मीना।
अधिकारों से करो न वंचित,
सब अधिकारों की  अधिकारी।
बहुत हुई अब क्रूर हिंसा,
नहीं सहेगी बिटिया प्यारी।
कहती मीना, प्यारी मीना।
चतुर सयानी, न्यारी मीना।
बालविवाह और दहेज रोको,
आगे बढ़ने से मत टोको।
लालच की जलती ज्वाला में,
नहीं बेटियों को तुम झोंको।
कहती मीना, प्यारी मीना।
चतुर सयानी, न्यारी मीना।
       
रचयिता
राजबाला धैर्य,
सहायक अध्यापक,
पूर्व माध्यमिक विद्यालय बिरिया नारायणपुर,
विकास खण्ड-क्यारा, 
जनपद-बरेली।

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