शहीद भगत सिंह
आजादी के थे वो रखवाले,
देश की खातिर मर मिटने वाले।
उस वीर पुत्र को मेरा नमन,
सरदार भगत सिंह तुमको नमन।
जिस माँ के कोख से जन्म लिया,
जिस माँ ने तुमको जन्म दिया।
उस माँ को मेरा शत शत नमन,
हे! वीर पुत्र तुम्हें मेरा नमन, मेरा नमन।
जिस धरती माँ की खातिर,
फाँसी का फंदा चूम लिया।
उस धरती माँ के वीर सपूत,
है बार-बार तुमको नमन।
हे! धरती माँ के प्यारे लाल,
तुम्हें बार-बार मेरा नमन।
हे! वीर शहीद भगत सिंह,
शत शत नमन, कोटि नमन।
रचयिता
रजत कमल वार्ष्णेय,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय खंजनपुर,
विकास खण्ड-इस्लामनगर,
जनपद-बदायूँ।
देश की खातिर मर मिटने वाले।
उस वीर पुत्र को मेरा नमन,
सरदार भगत सिंह तुमको नमन।
जिस माँ के कोख से जन्म लिया,
जिस माँ ने तुमको जन्म दिया।
उस माँ को मेरा शत शत नमन,
हे! वीर पुत्र तुम्हें मेरा नमन, मेरा नमन।
जिस धरती माँ की खातिर,
फाँसी का फंदा चूम लिया।
उस धरती माँ के वीर सपूत,
है बार-बार तुमको नमन।
हे! धरती माँ के प्यारे लाल,
तुम्हें बार-बार मेरा नमन।
हे! वीर शहीद भगत सिंह,
शत शत नमन, कोटि नमन।
रचयिता
रजत कमल वार्ष्णेय,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय खंजनपुर,
विकास खण्ड-इस्लामनगर,
जनपद-बदायूँ।
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