पर्यावरण ही जीवन है
पेड़ों से है जीवन मेरा,
पेड़ों से मेरी जान है।
काट रहे हो तुम उनको
जो तुम्हारे भगवान हैं।
पेड़ों के संग जीना सीखो,
पेड़ों के संग मरना।
पौधों के संग खिलना सीखो,
पौधों के संग उभरना।
अगर तुम पेड़ एक काटोगे,
तो तुम एक जिंदगी मारोगे।
अगर तुम एक पेड़ लगाओगे,
तो तुम एक जिंदगी बचाओगे,
अगर एक पेड़ लगाओगे
अपनों के लिए भगवान कहलाओगे
रचयिता
पूनम रानी,
प्रधानाध्यापिका,
राजकीय प्राथमिक विद्यालय धर्मपुर,
विकास खण्ड-रुड़की,
जनपद-हरिद्वार,
उत्तराखण्ड।
पेड़ों से मेरी जान है।
काट रहे हो तुम उनको
जो तुम्हारे भगवान हैं।
पेड़ों के संग जीना सीखो,
पेड़ों के संग मरना।
पौधों के संग खिलना सीखो,
पौधों के संग उभरना।
अगर तुम पेड़ एक काटोगे,
तो तुम एक जिंदगी मारोगे।
अगर तुम एक पेड़ लगाओगे,
तो तुम एक जिंदगी बचाओगे,
अगर एक पेड़ लगाओगे
अपनों के लिए भगवान कहलाओगे
रचयिता
पूनम रानी,
प्रधानाध्यापिका,
राजकीय प्राथमिक विद्यालय धर्मपुर,
विकास खण्ड-रुड़की,
जनपद-हरिद्वार,
उत्तराखण्ड।
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