स्वच्छता

स्वच्छता की आवश्यकता, ,,,है भारत में आज
स्वच्छ तन ,स्वच्छ मन से बनता स्वच्छ समाज

बीमारी को दूर भगाओ, स्वच्छता अपनाओ तुम
वरना महामारियों की गिर जायेगी तुम पर गाज

घर को अपने साफ करो ,बाहर कूड़ा फैलाओ
जोे सोचे उसको ,तनिक नहीं क्यों आती लाज

छोड़ो साथ गंदगी का तुम ,आदतों में सुधार करो
साफ रहो, रहने दो तुम आ जाओ आदत से बाज

क्या तुम मेरी मानोगे,गर तुमको बात बताऊँ तुम्हें
सबमें फैला दो इसको ,नहीं रहा अब बिल्कुल राज

भारत की सरकार का सोचो, इसका साथ निभाओ
स्वच्छ बनाकर देश को ,कर दो दुनिया का सरताज

स्वच्छता की अहमियत जानो, थोड़ा हाथ बँटाओ
सोचो ,समझो, अपनाओ, न हो जाओ तुम नाराज

रचयिता
डा0 रश्मि दुबे,
प्राथमिक विद्यालय उस्मान गढ़ी,
जनपद-गाजियाबाद।

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