राष्ट्रीय समुद्री दिवस

5 अप्रैल 1919 को हुई शुरुआत,

सभी ने इसको किया आत्मसात्,

प्रतिवर्ष इस दिवस को मनाया जाता,

कराना है सबको इसकी भूमिका से अवगत।


वाणिज्य, वैश्विक, अर्थव्यवस्था की जागरूकता,

भारतीय जहाजरानी उद्योग की वास्तविकता,

पहली बार "एसएस लॉयल्टी" जहाज था चला,

लंदन की पहली यात्रा की थी सुगमता।


नौका परिवहन, विश्व समुदाय के बीच की कड़ी,

समुद्री सुरक्षा के प्रति लोगों की उत्सुकता बढ़ी,

समुद्री उद्योग को बढ़ावा भी देना था,

अंतरराष्ट्रीय परिवहन की महत्ता थी बढ़ी।


कई देश इससे लाभान्वित होते,

व्यापार को भी नई दिशा देते,

"एक सतत महासागर के लिए नवाचार",

पिछले वर्ष की थीम हैं बताते।


"सतत गृह के लिए सतत हो शिपिंग",

यही होगी हम सबकी लाइकिंग,

80% व्यापार समुद्री मार्ग से होता,

इस दिवस की महत्ता बढ़े दिनों दिन।


रचयिता
नम्रता श्रीवास्तव,
प्रधानाध्यापिका,
प्राथमिक विद्यालय बड़ेह स्योढ़ा,
विकास खण्ड-महुआ,
जनपद-बाँदा।

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