डॉक्टर भीमराव अंबेडकर

14 अप्रैल 1891 को महू,

 इंदौर मध्य प्रदेश में जन्मे थे।

 पिता रामजी सकपाल व

 भीमाबाई की संतान थे।


 बचपन से थी विलक्षण स्मरण शक्ति,

 बुद्धिमता, प्रखरता और ईमानदारी।

 सच्चाई, दृढ़ता, नियमितता उनके,

 व्यक्तित्व में थी साझेदारी।


 बड़ोदरा के महाराज ने उन्हें,

उच्च शिक्षा हेतु विदेश भेजा था।

 प्रखर प्रतिभा को परख सके वो,

 समाज को अच्छा संदेशा था।


 एक मनीषी, योद्धा, नायक, विद्वान,

 अर्थशास्त्री, दार्शनिक, राजनीतिज्ञ थे।

 कानूनविद, अद्वितीय प्रतिभा,

 धैर्यवान व्यक्तित्व के धनी थे।


 संविधान प्रारूप समिति का उनको,

 सर्वसम्मति से अध्यक्ष चुना गया।

 दुनिया के संविधान रखने के बाद,

 संविधान मसौदा तैयार किया।


 श्रमिकों, किसानों और महिलाओं के,

 अधिकारों का समर्थन किया।

 2 वर्ष 11 माह 18 दिन में,

 लिखकर संविधान तैयार किया।


 धर्म, लिंग और जाति समानता,

 सबको समान अधिकार दिया।

 शिक्षा, मतदान, कार्य समय का

 और समान वेतन का अधिकार दिया।


 सिंबल ऑफ नॉलेज बने वो,

 विश्व का सारे मान हैं।

 अपने भारत में जन्म लिया था,

 देश का गौरव हैं, अभिमान हैं।


 आधुनिक भारत के निर्माता,

 समान शिक्षा और ज्ञान दिया।

 राष्ट्रीय ध्वज में अशोक चक्र को,

 डॉ0 भीमराव ने स्थान दिया।


 जब तक सूरज चाँद रहेगा,

 भीमराव का नाम रहेगा।

 भारत रत्न से सम्मानित,

 देश को अभिमान रहेगा।


रचयिता

बबली सेंजवाल,
प्रधानाध्यापिका,
राजकीय प्राथमिक विद्यालय गैरसैंण,
विकास खण्ड-गैरसैंण 
जनपद-चमोली,
उत्तराखण्ड।

Comments

  1. आदरणीया बहन जी बहुत ही सुंदर कविता है, भीमराव आंबेडकर जी का पूरा कृतित्व और व्यक्तित्व को समहित कर दिया आपने,,,, माँ सरस्वती जी की असीम कृपा है,,,, पुनः वंदन ,,

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  2. आदरणीया बहन जी बहुत ही सुंदर कविता है, भीमराव आंबेडकर जी का पूरा कृतित्व और व्यक्तित्व को समहित कर दिया आपने,,,, माँ सरस्वती जी की असीम कृपा है,,,, पुनः वंदन ,,

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  3. आदरणीया बहन जी बहुत ही सुंदर कविता है, भीमराव आंबेडकर जी का पूरा कृतित्व और व्यक्तित्व को समहित कर दिया आपने,,,, माँ सरस्वती जी की असीम कृपा है,,,, पुनः वंदन ,,

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