निंदिया रे

निंदिया  रे आजा रे ….

मेरी बिटिया को सुला जा रे…..

निंदिया रे आजा रे…..


सपनों की नगरी में ले जा रे 

जहाँ पर हों चाँद सितारे 

टिम टिम टिम टिम चमकते हों सारे 

फूल खिलें हो न्यारे न्यारे  

रंग-बिरंगे प्यारे-प्यारे 


निंदिया रे आजा रे….. 

मेरी बिटिया को सुला जा रे….. 

निंदिया रे आजा रे …..


उदासी और दुख को दूर भगाना रे 

खुशियों से झोली भर जाना रे 

दुनिया की बुरी नजर से बचाना रे

सपने सारे पूरे कर जाना रे 

अच्छा इंसान बनाना रे


निंदिया रे आजा रे…..

मेरी बिटिया को सुला जा रे…..

निंदिया रे आजा रे …..


रचयिता
सुषमा मलिक,
सहायक अध्यापक,

कंपोजिट स्कूल सिखेड़ा,

विकास खण्ड-सिंभावली, 
जनपद-हापुड़।

Comments

Total Pageviews