जय श्री राम

आओ मनाएँ झाँकी सजाएँ

रामनवमी को रामजन्म  की


जय श्री राम जय श्रीराम

अवधपुरी में ऋतु सुहानी

पवन चलत  है पुरवाई

चैत्र नवमी सुंदर दिन आया

रामजन्म जब भयो संसार

अवध पूरी में उत्सव  छाया

धन्य भाग्य अवध भारत भूमि के।।


कौशल्या हैं जिनकी माता

दशरथ हैं उनके  पिता श्री

 जय श्री  राम जय श्री राम

मोर पपीहा कोयल सब नाचे

बाग सरिता नदी तालाब बगीचे

फूलन से सब हैं महकने लागे।

पुरुषों में उत्तम पुरुषोत्तम

मर्यादा पुरुषोत्तम राम कहलाते

मात पिता के वचन निभाये।।


जय रघुनंदन जय सियाराम

जब बोलो जय श्री राम

खुल जाते हैं मोक्ष के द्वार

अंत समय का यही सहारा

मुख से बोलो सब जय सियाराम।।


रचयिता

माधुरी पौराणिक,
सहायक अध्यापक,
पूर्व माध्यमिक विद्यालय हस्तिनापुर,
विकास खण्ड-बड़ागाँव,
जनपद-झाँसी।



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