२४८- राजकुमार प्राथमिक विद्यालय करहेड़ा, गाजियाबाद

💎🏅अनमोल रत्न🏅💎
मित्रों आज हम आपका परिचय मिशन शिक्षण संवाद की ओर से एक ऐसे अनमोल रत्न शिक्षक साथी से करा रहे हैं जिन्होंने स्वयं अपने को और अपने शिष्यों को अपने कर्तव्यों से तपाकर खरे सोने की भाँति विद्यालय से लेकर जनपद, राज्य, राष्ट्र और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर तक चमक का लोहा मनवाने में सफलता प्राप्त की है।

जहाँ समाज के कुशल आलोचक किसी भी व्यक्ति की समस्त अच्छाईयों को दरकिनार करते हुए कोई न कोई बुराई निकाल कर उसके प्रचारक बन ही जाते हैं। लेकिन राज कुमार जी जैसे कुशल कर्मयोगी खेलरत्न ने उनके लिए भी कोई जगह नहीं छोड़ी। आपका चाहे जिला बदला हो, ब्लॉक बदला हो अथवा विद्यालय बदला हो लेकिन जो कभी नहीं बदला वह था आपका अपने कर्तव्यों के प्रति समर्पण और सकारात्मक सोच। जिससे आपने हर स्तर पर एक आदर्श शिक्षक के सम्मान और परिणाम को प्राप्त किया है। जो हम सब के लिए अनुकरणीय एवं प्रेरक है।


आइये देखते हैं खेलरत्न भाई राज कुमार जी प्रेरक प्रयासों को:-

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मेरा नाम - राजकुमार (एम. पी. एड, एन आई एस नेट बॉल c)
प्रथम नियुक्ति 10 दिसंबर 1999 प्राथमिक विद्यालय दिलावरपुर अलीगढ़ सहायक अध्यापक के पद पर हुई नियुक्ति के पश्चात 2000 में बेसिक शिक्षा में शिक्षण करते हुए भारतीय टेनिस बॉल क्रिकेट टीम का कोच नियुक्त किया। यह टूर्नामेंट भारत व नेपाल के बीच काठमांडू तथा अन्य 4 राज्यों में आयोजित हुआ भारतीय टीम ने 5 टेस्ट सीरीज अपने नाम की 2001 में मेरा अंतर्जनपदीय स्थानांतरण जनपद गाजियाबाद में हो गया मुझे धौलाना ब्लॉक में प्राथमिक विद्यालय करणपुर जट मिला लेकिन व्यायाम शिक्षक के रूप में जनपद स्तर पर बीएसए कार्यालय में रहते हुए कई ब्लॉकों में खेलों का आयोजन कराया गया एवं बच्चों को प्रशिक्षण दिया गया जिसमें मेरी भूमिका अहम रही और खेल कराने का अनुभव प्राप्त हुआ 2003 में मेरा स्थानान्तरण प्राथमिक विद्यालय गढी कटैया लोनी में हो गया यहाँ सहायक अध्यापक के साथ-साथ ब्लॉक लोनी के व्यायाम शिक्षक के रूप में कार्य करने को मिला मेरे विद्यालय की स्थिति इतनी दयनीय थी कोई चार दीवार नहीं कोई पौधे नहीं, कोई पेड़ नहीं लेकिन खेल का मैदान बहुत था। मैंने NGO द्वारा विद्यालय की चारदीवारी प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालय में 400 पौधे समरसेबल खो-खो पोल लकड़ी बॉलीवाल के लोहे के पोल स्थाई रूप से भारत इलेक्ट्रॉनिक्स प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से लगवाये गये जिसके कारण विद्यालय की छवि स्पोर्ट्स स्कूल की तरह हो गई व्यायाम शिक्षक होने के कारण ब्लॉक लोनी के बहुत सारे विद्यालय में खेल का सामान उपलब्ध कराया गया तथा NGO के माध्यम से वितरित किया गया। कुछ विद्यालयों ने क्रीड़ा शुल्क से खेल का सामान खरीदा गया प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालय बैहटा, प्राथमिक उच्च प्राथमिक विद्यालय बन्थला, प्राथमिक उच्च प्राथमिक विद्यालय लोनी, पूर्व माध्यमिक विद्यालय टीला अफजलपुर लगभग 25 से 30 विद्यालय में खेल की सामग्री खरीदी गई जिसके कारण लोनी ब्लॉक 2003 से लेकर 2010 तक गाजियाबाद जनपद में प्रत्येक वर्ष चैंपियन रहा जिसमें विभिन्न कार्यक्रमों जनपद मंडल एवं राज्य स्तर पर गढ़ी कटैय्या के बच्चों ने प्रथम, द्वितीय, तृतीय स्थान प्राप्त किए कई मंत्रियों द्वारा विशेष पुरस्कार से सम्मानित किया गया शिक्षा मंत्री, श्री किरन पाल जी कृषि मंत्री श्री राजपाल जी खेल मंत्री, उमा भारती जी, जनपद के जिलाधिकारी श्री संतोष यादव जी मैं बच्चों को भी सम्मानित किया। विद्यालय में कोई चारदीवारी नहीं कोई पौधे नहीं कोई पेड़ नहीं लेकिन खेल का मैदान बहुत था। NGO द्वारा विद्यालय की चारदीवारी प्राथमिक विद्यालय में 400 पौधे समरसेबल NGO के माध्यम से किया गय।
इसी बीच 2004 में मानसिक एवं कमजोर मंदबुद्धि बच्चों को स्पेशल ओलंपिक कोलकाता में आयोजित किया गया। 1 महीने का प्रशिक्षण मेरे द्वारा बरेली स्टेडियम में विकलांग बच्चों को फुटबॉल एवं विभिन्न खेलों का प्रशिक्षण दिया गया। मुझे उत्तर प्रदेश टीम का कोच बनाया गया मुझे उत्तर प्रदेश के विकलांग बच्चों को तैयार करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ और टीम को लेकर कोलकाता गया वहाँ फुटबॉल टीम ने कांस्य पदक तथा जूनियर टीम ने गोल्ड मेडल प्राप्त किया इस खुशी में टीम के लौटने पर गाजियाबाद रेलवे स्टेशन पर बेसिक शिक्षा अधिकारी श्री विनय कुमार गिल द्वारा स्टेशन पहुँचकर बच्चों और कोच का स्वागत किया आगे भी भविष्य में और अच्छे कार्य करने के लिए प्रेरित किया।
2004 में मैं भारतीय नेटबॉल टीम का कोच नियुक्त किया इंडिया टीम का प्रशिक्षण चेन्नई में प्रारंभ हुआ। 1 महीने के प्रशिक्षण के बाद भारतीय टीम कोलंबो श्रीलंका के लिए रवाना हुई फोर्थ एशियन यूथ नेट बॉल चैंपियनशिप में भारतीय टीम का उम्दा प्रदर्शन रहा। इससे पहले राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय नेटबॉल चैंपियनशिप मैं अंपायरिंग करने का कई बार मौका मिला मैंने पाकिस्तान, इंडिया, इंग्लैंड, सिंगापुर, थाईलैंड, मलेशिया, मालदीप, हॉन्ग कॉन्ग, श्रीलंका आदि देशो के मैच खिलाने को मिले। दिल्ली 2010 में 19 कॉमनवेल्थ गेम्स में 7th एशियन यूथ चैंपियनशिप त्याग राज स्टेडियम दिल्ली में आयोजित की गई जिसमें ऑफशिफ्टिंग करने का मौका मिला।
राष्ट्रीय राज्य स्तरीय चैंपियनशिप मैं कई बार फाइनल मैच खिलाने का मौका मिला तथा नेशनल में दिल्ली एवं यूपी टीम के कोच के रूप में कई वर्षों तक प्रशिक्षण देता रहा।
जुलाई 2011 में ग्रामीण क्षेत्र से नगर क्षेत्र गाजियाबाद में नियुक्ति हुई। मैंने प्राथमिक विद्यालय करहेड़ा में सहायक अध्यापक के रूप में कार्य करना प्रारंभ किया लेकिन विद्यालय की स्थिति इतनी खराब थी कि बच्चों की उपस्थिति 30 40 परसेंट ही रहती थी। मैंने विद्यालय में NGO के माध्यम से 8 शौचालय 20 बाई 30 की, मंच प्रार्थना करने के लिए मंच पीने के पानी की अंदर ग्राउंड फिटिंग NGO के माध्यम से खेल का पूर्ण सामान, खो खो के पोल वॉलीबॉल के पोल, खेल का सामान, योगा की ड्रेस, सरस्वती वंदना की ड्रेस, डांस की ड्रेस, विद्यालय में दो समरसेबल, 100 पौधे प्रार्थना स्थल पर, म्यूजिक से प्रार्थना, म्यूजिक सिस्टम, झूले, चार्ट, रंग रोगन, युवा के पोस्टर, स्मार्ट बोर्ड की व्यवस्था कराई गई। विद्यालय में एक ही प्रांगण में 3 विद्यालय संचालित थे। तीनों की प्रार्थना अलग-अलग होती थी जब मैंने एक जगह प्रार्थना कराना शुरू की काफी दिक्कत हुई और कई दिनों तक प्रार्थना स्थल पर अकेले ही प्रार्थना कराई। कई बार दोबारा से अलग-अलग प्रार्थना कराने को कहा लेकिन मैंने हिम्मत नहीं हारी और अकेले ही जो मंच मैंने बनवाया था उसके माध्यम से तथा म्यूजिक सिस्टम के द्वारा प्रार्थना करता रहा। एक समय ऐसा आया तीनों विद्यालयों के अध्यापक अपने आप धीरे-धीरे सहयोग करने लगे और उनमें रुझान पैदा हुआ लेकिन रूचि उनके अंदर खेलों में बिल्कुल नहीं थी जब सहयोग नहीं मिला तो मैंने विद्यालय से बाहर जाकर जो बच्चे उबड़-खाबड़ ग्राउंड में खेलते थे वहाँ से छोटे-छोटे बच्चे स्कूल में लेकर आया और उन बच्चों को योगा कराना प्रारंभ किया और मुझे योगा की टीम बनाने में छह-सात महीने लगे जैसे-जैसे बच्चों में इंटरेस्ट आना शुरू हुआ। वैसे-वैसे विद्यालय की उपस्थिति में इजाफा हुआ और बच्चों की संख्या 90% से सौ परसेंट होने लगी। स्कूल में जब मैंने तीनों विद्यालय की प्रार्थना एक जगह शुरू की तो कुछ कठिनाइयाँ आयीं। लेकिन समय के साथ-साथ परिवर्तन होता रहा और विद्यालय के बच्चों ने योग अपना एक नया विषय बनाया। जिला मंडल एवं राज्य स्तर पर कई बार प्रथम द्वितीय तृतीय स्थान प्राप्त किया।
प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक करेहंड़ा की योगा टीम ने लगातार 3 वर्ष तक द्वितीय तृतीय स्थान प्राप्त किया मंडल, जनपद स्तर पर 15 अगस्त 26 जनवरी सांस्कृतिक कार्यक्रम, मतदाता दिवस, चेक वितरण समारोह, कचरा समाधान अन्य कार्यक्रमों में प्रतिभाग कर प्रथम स्थान प्राप्त किया। मुझे वर्ष 14 - 15 एवं 15 - 16 में जनपद गाजियाबाद बेस्ट टीचर अवार्ड से सम्मानित किया गया मुझे जिलाधिकारी श्री रंगा राव जी श्रीमती अर्पणा उपाध्याय, श्रीमती निधि केसरवानी जी, श्रीमती S मिनिस्ती जी, वर्तमान में श्रीमती रितु माहेश्वरी जी एवं कमिश्नर मेरठ मंडल श्री प्रभात जी एवं कमिश्नर आगरा श्रीमती डॉक्टर शिखा दरबारी, खेल मंत्री चेतन चौहान जी, श्री अनिल अग्रवाल जी, सांसद श्री भोला जी, सांसद माननीय सांसद रामगोपाल जी आदि द्वारा कई बार सम्मानित किया गया। मेरे विद्यालय के प्राथमिक योगा टीम में 26 जनवरी 2014 को माननीय जेल मंत्री श्री राजेंद्र चौधरी द्वारा 21000 कोच के लिए और 21000 योगा टीम के लिए धनु राशि से पुरस्कृत किया मुझे एवं मेरे बच्चों को 2017 में हिंदू आध्यात्मिक मेला नृत्य प्रतियोगिता मैं 25,000 की धनराशि इनाम के रूप में जीती
विज्ञान महोत्सव पुलिस लाइन हरसाव में पूर्व राष्ट्रपति आदरणीय अब्दुल कलाम जी द्वारा बच्चों को सम्मानित किया गया।

बहुत-बहुत धन्यवाद सर।



मिशन शिक्षण संवाद परिवार की ओर से उज्जवल भविष्य की कामनाओं के साथ हार्दिक शुभकामनाएँ!

आशा करते हैं कि आप मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से अब न केवल एक जनपद और विद्यालय का मार्गदर्शन करेंगे बल्कि सम्पूर्ण उत्तर प्रदेश के साथ विभिन्न राज्यों और देशों के बच्चों और शिक्षकों का भी मार्गदर्शन करेंगे।


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टीम मिशन शिक्षण संवाद

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