हमारे आदर्श हमारे प्रेरक

गुरु में निष्ठा, ध्यान लक्ष्य पर
पूर्ण समर्पित चित्त
दृढ़ निश्चय से बन जाएँगे
'एकलव्य' से शिष्य

पल-पल जोहे बाट प्रभु की
प्रेम की अद्भुत रीत
हमें धैर्य का पाठ पढ़ाती
'शबरी' की उम्मीद

परपीड़ा से व्याकुल होना
जान दाँव पर रखना
मृत्यु को भी ललकारे
जिसमें 'जटायु' की करुणा

ओज-तेज करुणा से पूरित
राजदण्ड से निर्भय
स्वाभिमान की खुली चुनौती
बालक 'लव-कुश' जय-जय

मधुर कृष्ण के मधुर गान में
डूब गयी हर श्वांस
है सच्चा संगीत यही
गाते 'स्वामी हरिदास'

कर्म करो संसारी लेकिन
होकर प्रभु में तन्मय
सच्चे 'रंगों' से ही था
'रैदास' संत का परिचय

राष्ट्रप्रेम का सागर उर में
शिक्षक थे आदर्श
दृढ़ता से सत्ता तक बदली
नीतिवान 'चाणक्य'

लौ लगने से नूर अलौकिक
रोम-रोम द्युतिमान
शुद्ध संयमी, पावन जीवन
'रबिया' संत महान

सबसे हम शिक्षा ले सकते
नहीं कोई भी हेय
24 गुरु बनाने वाले
दृष्टा 'दत्तात्रेय'

भगवद्भक्तों में अग्रणी
दान किया सर्वस्व
सिर पर प्रभु का चरण पा लिया
'राजा बलि' तत्वज्ञ

एक बार जो वचन दे दिया
वो पत्थर की लकीर
दान 'कर्ण' के अद्भुत अनुपम
पग-पग सहकर पीर

ब्रह्मचर्य और आत्मशक्ति के
चलते-फिरते पुंज
वेद-संस्कृति-गौरव-रक्षक
'महर्षि दयानन्द'

सरल, सौम्य, मर्मज्ञ भक्त
अद्भुत, 'अनपढ़' उपदेश
'परमहंस श्री रामकृष्ण' जी
हरते जग के क्लेश

गूढ़ ज्ञान को सुगम बनाकर
उर में सहज बिठाते
धर्म क्षेत्र के पाखंडों पर
लट्ठ 'कबीर' बजाते

भक्त कृष्ण का स्वाभिमानी
रण में अद्भुत जलवा
परमवीर की परमवीर-गति
बालक भक्त 'सुधन्वा'

प्राणी-सेवा प्रभु-सेवा है
असल चीज है भाव
गर्दभ में प्रभु-दर्शन करते
'एकनाथ' समभाव

अंश खुदा के हम हैं, हममें
बसा 'उसी' का नूर
भीषण ज़ुल्म सहे लेकिन
न डिगे 'सन्त मंसूर'

साधुमना थे, 'दरस' के प्यासे
एकनिष्ठ थी प्रीत
उच्च अवस्था, परम संयमी
'बाबा शेख फरीद'

कायर को भी वीर बना दे
ऐसा आल्हा-गान
'आल्हा-ऊदल' वीर-शिरोमणि
कण-कण फैला नाम

इनसे हमको मिले प्रेरणा
हमको राह दिखाते
मर्म बताते जीवन का
जीने की कला सिखाते

रचनाकार
प्रशान्त अग्रवाल,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय डहिया,
विकास क्षेत्र फतेहगंज पश्चिमी,
ज़िला-बरेली (उ.प्र.)

Comments

Total Pageviews