आगे बढ़ना सीखें

आओ पढ़ना सीखें,आगे बढ़ना सीखें
मुसीबतों से न डरें उनसे लड़ना सीखें

हम भारत के बच्चे मन के हैं हम सच्चे
राहें भले कठिन हों उन पर चलना सीखें

हम भारत के और ये भारत देश हमारा
पढ़कर लिखकर हमको बनना इसका सहारा
विद्यालय हम जाएँ सबको संग ले जाएँ
विद्यालय भी घर है मेरा और तुम्हारा

आओ मिलकर के चलें,मिलकर रहना सीखें
चाहे कोई डगर हो प्रेम ही करना सीखें

तो आओ पढ़ना सीखें आगे बढ़ना सीखें
मुसीबतों से न डरें उनसे लड़ना सीखें

आधे रोटी खाएँ विद्यालय पढ़ने जाएँ
माँ पापा से बोलो चलकर नाम लिखायें
पढ़ी लिखी गर लड़की रौशनी है वो घर की
बेटा हो या बेटी दोनों घर का मान बढ़ाये

अनपढ़ नही है रहना हम साक्षर बनना सीखें
रोज सुबह विद्यालय हम सब चलना सीखें

तो आओ पढ़ना सीखें आगे बढ़ना सीखें
मुसीबतों से न डरें उनसे लड़ना सीखें

रचयिता
नवीन पुरवार,
प्राथमिक विद्यालय भौंरदा,
जनपद-ललितपुर।

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